बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन (INDIA ब्लॉक) में चल रही खींचतान अब लगभग समाप्त होती दिख रही है। कांग्रेस ने आखिरकार आरजेडी की सबसे बड़ी मांग को स्वीकार करते हुए तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने पर सहमति जता दी है। सूत्रों के अनुसार, लालू प्रसाद यादव की रणनीतिक भूमिका और दबाव के चलते कांग्रेस को यह फैसला लेना पड़ा। इससे महागठबंधन में पिछले कई दिनों से चल रहा गतिरोध लगभग खत्म हो गया है। अब ‘दोस्ताना मुकाबले’ (फ्रेंडली फाइट) केवल कुछ सीटों तक सीमित रहेंगे।
गहलोत-तेजस्वी बैठक में बनी सहमति
बुधवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और बिहार चुनाव पर्यवेक्षक अशोक गहलोत ने राबड़ी देवी आवास पर लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से मुलाकात की। बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अलावरू भी मौजूद थे। सूत्रों का कहना है कि इस मुलाकात के दौरान कांग्रेस ने तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा मानने पर हामी भर दी। कांग्रेस पहले इस बात पर अड़ी थी कि महागठबंधन का प्रचार किसी एक चेहरे के बजाय सामूहिक रूप से किया जाए, जबकि आरजेडी ‘तेजस्वी सरकार’ के नारे पर ही चुनावी रणनीति बना रही थी।
बैठक के बाद गहलोत ने कहा, “हमारी बहुत अच्छी बातचीत हुई है। कल संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी जिसमें सब बातें साफ हो जाएंगी। महागठबंधन पूरी तरह एकजुट है। 243 सीटों में से 5 से 10 सीटों पर ही दोस्ताना मुकाबला हो सकता है।”
सीट बंटवारे पर लगभग सहमति
गहलोत ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और आरजेडी के बीच सीट बंटवारे पर अब लगभग सहमति बन चुकी है। उन्होंने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह ‘प्रायोजित अभियान’ के जरिए गठबंधन में दरार की झूठी कहानियां फैला रही है।
इन सीटों पर होगी फ्रेंडली फाइट
वैशाली, कहलगांव, नरकटियागंज, सुल्तानगंज और सिकंदरा सीटों पर आरजेडी और कांग्रेस के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। वहीं, बछवारा, राजा पाकर (SC), करघर और बिहार शरीफ सीटों पर कांग्रेस और सीपीआई के बीच मुकाबला होगा। इसके अलावा बेलदौर में कांग्रेस का सामना इंडियन इनक्लूसिव पार्टी से और बाबूबरही में आरजेडी का मुकाबला विकासशील इंसान पार्टी (VIP) से होने की संभावना है।
कांग्रेस में असंतोष भी बरकरार
कांग्रेस के भीतर टिकट वितरण को लेकर असंतोष की आवाजें भी उठीं। कुछ नेताओं ने बिहार प्रभारी कृष्णा अलावरू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम पर पक्षपात के आरोप लगाए हैं। पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि तेजस्वी को सीएम फेस मानने में देरी कर कांग्रेस ने आरजेडी को नाराज़ किया, जिससे गठबंधन की एकजुटता पर असर पड़ा।
एनडीए भी मैदान में सक्रिय
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार से दो बड़ी रैलियों के साथ एनडीए के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत करेंगे। जबकि विपक्षी महागठबंधन की ओर से अभी तक संयुक्त प्रचार कार्यक्रम की रूपरेखा तय नहीं की गई है। हालांकि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री चेहरा घोषित करने के बाद गठबंधन के प्रचार अभियान में नई ऊर्जा आने की उम्मीद जताई जा रही है।
