महुआ

बिहार की राजनीति एक बार फिर तेज़ी से करवट ले रही है, और इस बार चर्चा के केंद्र में हैं राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव। उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि वह इस बार महुआ विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगे। तेज प्रताप का यह फैसला राजनीतिक हलकों में न सिर्फ चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि राजद के लिए भी यह एक नई चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।

महुआ

“टीम तेज प्रताप यादव”: न पार्टी, लेकिन एक आंदोलन

तेज प्रताप यादव ने साफ किया है कि उन्होंने ‘टीम तेज प्रताप यादव’ के नाम से एक नया मंच तैयार किया है, जो कोई राजनीतिक पार्टी नहीं बल्कि एक ओपन प्लेटफॉर्म है। इस मंच का उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों, खासकर युवाओं को एकजुट कर उन्हें राजनीतिक और सामाजिक बदलाव की मुख्यधारा से जोड़ना है।

उन्होंने कहा, “हमने टीम तेज प्रताप बनाया है, यह कोई पार्टी नहीं है। जो भी काम करना चाहता है, समाज के लिए कुछ करना चाहता है, वह इससे जुड़ सकता है। हमारा दरवाजा सबके लिए खुला है।” तेज प्रताप ने स्पष्ट किया कि इस समय कोई राजनीतिक दल बनाने की योजना नहीं है, लेकिन जरूरत पड़ी तो भविष्य में इस दिशा में विचार किया जा सकता है।

महुआ सीट से जुड़ाव: भावनात्मक और राजनीतिक

महुआ विधानसभा सीट को लेकर तेज प्रताप यादव का भावनात्मक लगाव किसी से छिपा नहीं है। 2015 में उन्होंने इसी सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा में कदम रखा था। उन्होंने कहा, “महुआ हमारी कर्मभूमि है, हम वहां के लिए काम किए हैं। अगर पार्टी टिकट नहीं देती है, तब भी हम महुआ से ही चुनाव लड़ेंगे।” तेज प्रताप ने यहां तक कहा कि महुआ को जिला बनाने का उनका सपना है, और वह इसे हर हाल में पूरा करेंगे।

तेज प्रताप ने यह भी दावा किया कि महुआ की जनता अब उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि यदि राजद ने इस बार किसी और को टिकट दिया, तो जनता उसे हराने का काम करेगी। उनका यह बयान न केवल राजद के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह भी संकेत है कि महागठबंधन के भीतर भी आंतरिक खींचतान जारी है।

बिहार की बदलती सियासी तस्वीर

तेज प्रताप का यह कदम ऐसे समय में आया है जब बिहार की राजनीति एक नए बदलाव की ओर बढ़ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में लगातार उठते सवाल, अपराध और भ्रष्टाचार पर विपक्ष की तीखी टिप्पणियां और महागठबंधन की अंदरूनी कलह ने राज्य की राजनीतिक फिजा को गर्म कर रखा है। ऐसे में तेज प्रताप का निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय कई समीकरणों को बदल सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, तेज प्रताप का यह फैसला न केवल महुआ में मुकाबले को त्रिकोणीय बना देगा, बल्कि राजद के वोटबैंक में भी सेंध लगा सकता है। यदि तेज प्रताप प्रभावी प्रचार करते हैं और युवाओं को अपने साथ जोड़ने में सफल होते हैं, तो यह चुनाव उनके लिए व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

चुनाव की तैयारी: चुनाव आयोग का शेड्यूल

बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इसी के तहत चुनाव आयोग ने 25 जून 2025 से “Special Intensive Revision” (SIR) की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके अंतर्गत घर-घर जाकर मतदाताओं के नामों की पुष्टि की जा रही है।

1 अगस्त 2025 को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित की जाएगी और 30 सितंबर 2025 तक अंतिम सूची जारी होगी। इसके बाद अक्टूबर से नवंबर 2025 के बीच चुनाव कराए जाने की संभावना है, जो संभवतः दो या तीन चरणों में होंगे। इस बार आयोग त्योहारों जैसे दिवाली (20 अक्टूबर) और छठ पूजा (28 अक्टूबर) को ध्यान में रखते हुए शेड्यूल तय करेगा, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर कोई असर न पड़े।

युवा राजनीति की नई धारा?

तेज प्रताप का यह अभियान राजनीति में पारंपरिक पार्टियों के बाहर एक वैकल्पिक मंच की ओर संकेत करता है। उन्होंने युवाओं को मुख्यधारा में लाने की बात कही है और बताया कि “टीम तेज प्रताप” सिर्फ एक मंच नहीं, बल्कि एक आंदोलन है

उनके मुताबिक, यह टीम सामाजिक कार्य, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, और युवा सशक्तिकरण जैसे मुद्दों पर काम करेगी और चुनाव के दौरान नीतिगत घोषणाएं भी करेगी। उन्होंने कहा, “यह समय नई राजनीति का है, जहां नेता जनता की बात सुनें, और युवाओं को नेतृत्व में भागीदारी मिले।”

निष्कर्ष

तेज प्रताप यादव के इस फैसले ने यह साफ कर दिया है कि आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एक नई सियासी बहस देखने को मिलेगी। एक ओर जहां आरजेडी अपने पारंपरिक आधार को बचाने में जुटी होगी, वहीं तेज प्रताप यादव अपने अलग रास्ते पर चलते हुए महुआ से अपने राजनीतिक भविष्य को फिर से परिभाषित करने की कोशिश करेंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता उनके इस प्रयास को कितनी गंभीरता से लेती है और क्या तेज प्रताप खुद को एक स्वतंत्र नेता के तौर पर स्थापित कर पाते हैं या नहीं।

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