राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव एक बार फिर से चर्चाओं में हैं। इस बार वजह है उनकी निजी जिंदगी, खासकर उनकी कथित गर्लफ्रेंड अनुष्का यादव के साथ उनका रिश्ता, जिसे खुद तेजप्रताप ने सार्वजनिक किया है। तेजप्रताप यादव ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें उन्होंने अनुष्का यादव के साथ अपने 12 साल पुराने रिश्ते का खुलासा किया। हालांकि इस पोस्ट को बाद में डिलीट कर दिया गया, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने दोबारा वही पोस्ट साझा किया, जिससे यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया।
तेजप्रताप यादव ने पोस्ट में लिखा कि वे और अनुष्का यादव पिछले 12 वर्षों से एक-दूसरे को जानते हैं और प्यार करते हैं। उन्होंने बताया कि वे दोनों इतने वर्षों से एक रिलेशनशिप में हैं, लेकिन वह चाहकर भी अनुष्का से शादी नहीं कर सकते, और इसके पीछे वजह है भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 494। इस पोस्ट के सामने आते ही राजनीतिक गलियारों और आम लोगों के बीच हलचल मच गई, क्योंकि यह मामला सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं बल्कि कानून और सामाजिक मर्यादाओं से भी जुड़ा हुआ है।
दरअसल, तेजप्रताप यादव की शादी वर्ष 2018 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा राय की पोती और वरिष्ठ नेता चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय से हुई थी। यह शादी काफी चर्चा में रही थी, लेकिन कुछ ही महीनों के भीतर उनके रिश्ते में दरार आ गई और दोनों के बीच मतभेद सार्वजनिक हो गए। तेजप्रताप यादव ने उसी वर्ष यानी 2018 में ही कोर्ट में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी थी, लेकिन कानूनी प्रक्रिया पूरी न होने के कारण अब तक उनका तलाक फाइनल नहीं हुआ है। ऐसे में वे अभी भी कानूनी रूप से शादीशुदा हैं।
भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपनी पहली शादी के रहते हुए दूसरी शादी करता है, तो यह ‘द्विविवाह’ (Bigamy) माना जाता है। यह एक गंभीर आपराधिक अपराध है, जिसके लिए दोषी व्यक्ति को सात साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। हिंदू विवाह अधिनियम के अनुसार भी, शादी करते समय दोनों पक्षों का अविवाहित या विधिवत तलाकशुदा होना आवश्यक है। इसका स्पष्ट अर्थ है कि जब तक तेजप्रताप यादव और ऐश्वर्या राय का तलाक कोर्ट से पूरी तरह से मंजूर नहीं हो जाता, तब तक तेजप्रताप किसी और से शादी नहीं कर सकते।
तेजप्रताप यादव ने अपनी पोस्ट में यह भी लिखा कि वह लंबे समय से यह बात सार्वजनिक करना चाहते थे लेकिन हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। उन्होंने कहा कि अब उन्होंने अपने दिल की बात को सबके सामने लाने का साहस किया है। यह कदम उनके लिए निजी तौर पर भावुक और साहसी हो सकता है, लेकिन कानूनी और सामाजिक दृष्टिकोण से यह एक गंभीर मामला बन गया है।
तेजप्रताप की यह पोस्ट उनके राजनीतिक करियर पर भी प्रभाव डाल सकती है। पहले भी वे अपने बयानों और व्यवहार को लेकर चर्चा में रहे हैं, और अब यह व्यक्तिगत मामला भी सार्वजनिक हो गया है। इस मामले ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सार्वजनिक जीवन में रहने वाले नेताओं की निजी जिंदगी कितनी पारदर्शी होनी चाहिए और किस हद तक उन्हें अपने व्यक्तिगत निर्णयों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इस पूरी घटना ने ना सिर्फ तेजप्रताप यादव के रिश्ते और उनकी वर्तमान वैवाहिक स्थिति को उजागर किया है, बल्कि समाज में विवाह, तलाक और कानून की भूमिका पर भी एक बार फिर से चर्चा को जन्म दिया है। यह मामला उदाहरण बन सकता है कि कैसे भावनात्मक रिश्ते और कानूनी बंधन एक-दूसरे से टकरा सकते हैं और कैसे एक सार्वजनिक व्यक्ति की निजी जिंदगी भी सार्वजनिक विमर्श का विषय बन जाती है।
अंततः, जब तक कानूनन तलाक पूरा नहीं होता, तब तक दूसरी शादी करना न केवल अवैध है, बल्कि समाज में एक गलत मिसाल भी पेश करता है। तेजप्रताप यादव की यह कहानी प्रेम, साहस और कानून के जटिल संबंधों को दर्शाती है, जो आज के समय में युवाओं और नेताओं दोनों के लिए एक सीख भी हो सकती है।