भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत इस्माइलपुर भट्ठा गांव के रहने वाले हवलदार संतोष यादव जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए। उनके बलिदान की खबर जैसे ही गांव और जिले में पहुंची, पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। हर किसी की आंखें नम थीं लेकिन दिलों में गर्व की भावना भी थी कि गांव का बेटा देश की रक्षा में शहीद हुआ।
गुरुवार को जब शहीद संतोष यादव का पार्थिव शरीर सेना के वाहन से उनके पैतृक गांव लाया गया, तो पूरा इलाका ‘भारत माता की जय’ और ‘हवलदार संतोष यादव अमर रहें’ के नारों से गूंज उठा। गांव की गलियां देशभक्ति के रंग में रंग गईं। हजारों की संख्या में ग्रामीण, युवा, स्कूली बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग अंतिम दर्शन को उमड़ पड़े। युवाओं ने बाइक और कारों के काफिले के साथ तिरंगा हाथ में लेकर शहीद को अंतिम विदाई दी।
गांव में मातम और गर्व का मिला-जुला माहौल था। जैसे ही सेना के जवानों द्वारा तिरंगे में लिपटा उनका पार्थिव शरीर गांव लाया गया, लोगों की आंखें छलक उठीं। महिलाएं और बुजुर्ग रास्तों के किनारे खड़े होकर नम आंखों से श्रद्धांजलि दे रहे थे। स्कूली बच्चों के हाथों में भी तिरंगे थे और देशभक्ति के गीतों के बीच गांव का हर कोना भावुक हो उठा।
इस अवसर पर शहीद की अंतिम यात्रा में हजारों लोगों के साथ-साथ भागलपुर के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी, नवगछिया की पुलिस अधीक्षक प्रेरणा कुमार, एसडीओ, डीएसपी समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय नेता भी उपस्थित थे। खगड़िया के सांसद राजेश वर्मा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। हवलदार संतोष यादव को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
शहीद की पत्नी इस दुखद क्षण को सहन नहीं कर पा रहीं थीं और बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। परिवार के अन्य सदस्य भी इस गम में पूरी तरह टूट चुके हैं। उनके दर्द को देखकर वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं। यह दृश्य हर किसी को झकझोर देने वाला था।
हवलदार संतोष यादव सेना में एक अनुशासित और कर्तव्यनिष्ठ सैनिक के रूप में जाने जाते थे। वे हर छुट्टी में गांव आकर युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी शहादत से गांव के युवाओं में भी देशसेवा का जज्बा और बढ़ गया है। कई युवाओं ने कहा कि अब वे भी संतोष यादव की तरह देश की सेवा करना चाहते हैं।
गांव के बुजुर्गों ने कहा कि संतोष जैसे बेटे पर हर मां को गर्व होगा। उन्होंने देश के लिए जो बलिदान दिया है, वह अमूल्य है और उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सरकार की ओर से शहीद को आर्थिक सहायता और परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। साथ ही स्थानीय प्रशासन ने गांव में शहीद संतोष यादव की स्मृति में एक भव्य स्मारक निर्माण की घोषणा भी की है, जिससे आने वाली पीढ़ियां उनके बलिदान को याद रख सकें।
हवलदार संतोष यादव की शहादत ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे जिले और राज्य को गौरवान्वित किया है। उनका बलिदान देश की रक्षा में समर्पित लाखों सैनिकों की भावना को दर्शाता है।
देश आज हवलदार संतोष यादव को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि अर्पित करता है और उनके अदम्य साहस व वीरता को नमन करता है। उनका नाम हमेशा सम्मान और गर्व के साथ लिया जाएगा।
