नवगछिया। साइबर ठगी के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है और अब ठग इतने शातिर हो गए हैं कि मात्र एक लिंक पर क्लिक करते ही लोगों के बैंक खाते खाली हो जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें मध्यप्रदेश की पुलिस ने भागलपुर जिले के खरीक थाना अंतर्गत तेलघी गांव से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है। यह अपराधी अकेले एक शिक्षिका से लाखों की ठगी सहित कुल मिलाकर लगभग पौने दो करोड़ रुपये की साइबर ठगी के मामलों में वांछित था।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान खरीक थाना क्षेत्र के तेलघी निवासी रोहित कुमार के रूप में हुई है। यह कार्रवाई मध्यप्रदेश के जबलपुर जिला अंतर्गत गोरखपुर थाना की पुलिस ने खरीक थाना की सहयोग से की। आरोपी को नवगछिया कोर्ट में प्रस्तुत करने के बाद कोर्ट ने उसे पुलिस रिमांड पर मध्यप्रदेश भेज दिया है।
शिक्षिका से ऐसे हुई ठगी
मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले की वत्सला होम सैनिक सोसाइटी, मकान संख्या डी-5 निवासी दिव्या भारती, जो पेशे से शिक्षिका हैं, ने गोरखपुर थाने में ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उन्होंने बताया कि उनके पास स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में एक बचत खाता है, जो उनके मोबाइल नंबर से जुड़ा हुआ है। इसी मोबाइल नंबर से वह भीम (BHIM) UPI एप का भी इस्तेमाल करती थीं।
14 सितंबर 2021 को शाम करीब 5:30 बजे से 5:45 बजे के बीच उनके मोबाइल पर चार बार किसी अज्ञात नंबर से फ्लैश मैसेज आया। हर बार उस मैसेज में एक लिंक दिया गया था। जब दिव्या भारती ने मैसेज को स्क्रॉल किया, तो गलती से वह लिंक क्लिक हो गया। इसके बाद तुरंत उनके खाते से ₹10,000 और ₹12,000 की कटौती की सूचना मिली।
जब उन्होंने बैंक खाता चेक किया, तो पता चला कि उनके खाते से क्रमशः ₹10,000, ₹30,000, ₹24,000 और ₹12,000 की संदिग्ध ट्रांजेक्शन किसी अज्ञात खाते में हुए हैं। यानी कुल ₹76,000 की राशि गायब हो गई। मामला समझते देर नहीं लगी और उन्होंने तत्काल गोरखपुर थाने में साइबर ठगी की प्राथमिकी दर्ज कराई।
पौने दो करोड़ की ठगी में संलिप्त
जांच के दौरान मध्यप्रदेश पुलिस को पता चला कि रोहित कुमार केवल दिव्या भारती से ही नहीं, बल्कि कई अन्य लोगों से भी इसी प्रकार से लिंक भेजकर ठगी कर चुका है। अलग-अलग मामलों को जोड़ने के बाद सामने आया कि आरोपी ने करीब पौने दो करोड़ रुपये की साइबर ठगी को अंजाम दिया है। पुलिस के मुताबिक, वह तकनीकी रूप से दक्ष है और मोबाइल व ऑनलाइन बैंकिंग सिस्टम की खामियों का फायदा उठाकर ठगी करता था।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया
जब मध्यप्रदेश पुलिस को तकनीकी जांच के आधार पर आरोपी की लोकेशन खरीक थाना अंतर्गत तेलघी गांव में मिली, तो उन्होंने तत्काल खरीक थाना से संपर्क कर संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई। फिर स्थानीय पुलिस के सहयोग से तेलघी गांव में छापेमारी कर रोहित कुमार को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद उसे नवगछिया कोर्ट में प्रस्तुत किया गया, जहां से कोर्ट ने उसे पुलिस रिमांड पर मध्यप्रदेश भेजने की अनुमति दे दी।
क्या कहती है पुलिस?
मध्यप्रदेश पुलिस के अनुसार, रोहित कुमार साइबर ठगी के संगठित नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। वह ठगी के लिए विशेष तकनीकों का उपयोग करता था, जिसमें फ्लैश मैसेज और फिशिंग लिंक के जरिए लोगों के मोबाइल में मालवेयर डालना शामिल है। इससे यूजर के बैंकिंग एप्स और पासवर्ड की जानकारी सीधे ठगों के पास पहुंच जाती थी।
लोगों से अपील
इस मामले के उजागर होने के बाद पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अनजान नंबर से आए लिंक पर कभी भी क्लिक न करें। अगर कोई संदिग्ध मैसेज या कॉल आए, तो उसे अनदेखा करें और तुरंत साइबर सेल को सूचित करें। साथ ही, मोबाइल और बैंकिंग एप्लिकेशन में टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि साइबर सुरक्षा को नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। जरूरत है कि आम जनता साइबर जागरूकता को बढ़ाए और ठगों की चालाकियों से सतर्क रहे।
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