हमारे लिए जो आम है, कई बार विदेशियों के लिए वह खास हो जाता है। अगर यकीन नहीं आता तो भारतीय चारपाई का उदाहरण आपके सामने है। आज विदेशियों ने इन्हें एक सफल बिजनेस में बदल दिया है। स्वाद और सेहत से भरपूर कटहल के साथ भी यही कहानी दोहराई गई। अमेरिका की रहनेवाली एनी ने कटहल के प्रोडक्ट्स का बिजनेस (Jackfruit Product Startup) शुरू कर, इसे वहां काफी लोकप्रिय बना दिया है।
बोल्डर-कोलोराडो में वह ‘जैक एंड एनीज़’ नाम से एक कंपनी चलाती हैं। कटहल को सूपर फूड और मीट के विकल्प के तौर पर पेश कर, आज वह एक सफल बिजनेसवुमन बन गई हैं। वह भारत से कटहल का निर्यात करती हैं और उनसे मीटबॉल, नगेट्स, क्रम्बल्स, सॉसेज, बफेलो विंग्स आदि तैयार करती हैं। हाल ही में उनकी कंपनी ने, सीरीज़ बी फंडिंग में 23 मिलियन डालर की बड़ी घोषणा की है।
क्यों किया जा रहा है कटहल को इतना पसंद, क्या हैं इसके फायदे?
कटहल यानी आर्टोकार्पस हेटरोफिलस के स्वाद को भला किसने नहीं चखा होगा? बाहर से नुकीले और हरे रंग वाले इस फल को पकने के बाद जब काटते हैं, तो अंदर से पीला, गोश्त जैसा दिखने वाला रेशेदार हिस्सा एक तेज गंध छोड़ता है। इसकी यही खुशबु इसकी पहचान है और खाने में स्वाद तो शानदार है ही। भारत में तो सदियों से कटहल को कभी सब्ज़ी, अचार तो कभी चिप्स के रूप में खाया जाता रहा है। लेकिन विदेशों में कटहल (Jackfruit Product Startup) की मांग और पसंद बढ़ने का कारण इसका स्वाद तो है ही, साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद होता है।
कटहल का आकार और खुशबू इसे बाकी सब फलों से अलग बनाती है। इसे सब्जी और फल दोनों ही तरीके से बड़े चाव से खाया जाता है। इसका कोई भी हिस्सा यहां तक कि बीज भी बेकार नहीं जाता है और अपनी इस खासियत और सेहत के तमाम फायदों के चलते कटहल को साल 2018 में केरल का ‘राज्य फल’ घोषित कर दिया गया था।
केरल में यह बहुतायत में मिलता है। हर घर के अहाते में आपको इसका पेड़ नजर आ जाएगा। वहीं रसोई में इसकी ढेरों वैराइटी मिल जाएंगी। पके कटहल को फल की तरह खाना या फिर अप्पम, अडा या चक्का वराट्टी जैसी कुछ डिश तैयार करना। कच्चे कटहल से स्वादिष्ट करी या कुरकुरे चिप्स भी बनाए जाते हैं।
टाइप टू डायबिटीज़ के मरीजों के लिए फायदेमंद
कटहल में काफी कम कैलरी होती है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन सी और कई अन्य मिनरल्स जैसे मैंगनीज, मैग्नीशियम और पोटैशियम से भरपूर होते हैं। हाल ही में किए गए कुछ अध्ययनों से यह साबित हुआ है कि कटहल का सेवन टाइप टू डायबिटीज़ के मरीजों के लिए काफी अच्छा होता है।
विदेशों में भी लोगों का कटहल की तरफ रुझान इस बीच काफी बढ़ा है। वे इसे न केवल अपने खाने में शामिल कर रहे हैं, बल्कि इससे जुड़ा बिजनेस (Jackfruit Product Startup) भी कर रहे हैं। कटहल उनके लिए सेहत और कमाई दोनों का जरिया बन रहा है।
एनी, जैक से कैसे मिलीं?
अमेरिका में रहनेवाली एनी ने भी बाकी विदेशियों की तरह कटहल का स्वाद पहले कभी नहीं चखा था। साल 2011 में एनी रयू, एक मेडिकल छात्र के रूप में दक्षिण भारत का दौरा करने के लिए आई हुई थीं और तभी उनकी मुलाकात जैक (Jackfruit या कटहल) से हुई। एक स्ट्रीट वेंडर के स्टैंड पर खड़े होकर अपने जीवन में ‘पहली बार’ उन्होंने कटहल का स्वाद चखा था।
15 जुलाई 2016 को अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “पहले मुझे लगा कि यह एक पॉर्क्युपाइन (साही) है। लेकिन जब मैंने कटहल को पहली बार जखा, तो उसके लाजवाब स्वाद ने मुझे हैरान कर दिया था।” उन्होंने अपनी वेबसाइट पर लिखा, “वह बेहद स्वादिष्ट था और मीट की तरह दिखता था। कहने की जरूरत नहीं कि यह एक कम कैलोरी और हाई फाइबर वाला फूड है। स्थानीय किसान अपनी आजीविका चलाने के लिए आसानी से उगने वाले इस पौधे को बाजार में लेकर आए।”
एनी को अपने उस पर यह भी पता चला कि इसकी पैदावार काफी ज्यादा है और 70 प्रतिशत कटहल (Jackfruit Product Startup) का तो इस्तेमाल ही नहीं हो पाता है और वे यूं ही बर्बाद हो जाते हैं।
साल 2015 में शुरू की Jackfruit Product Startup
कटहल का स्वाद चखने के बाद, उन्हें यह तो एहसास हो गया था कि पश्चिम के बाजार में इसकी खासी मांग हो सकती है। बाजार में अच्छी पकड़ और सूपर फूड के तमगे के साथ उन्होंने कटहल के बिज़नेस में पैर जमाने की कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए उन्होंने अपना मेडिकल करियर छोड़ दिया और साल 2015 में उन्होंने अपनी जैकफ्रूट कंपनी (Jackfruit Product Startup) की नींव रखी।
आज उनकी कंपनी, अमेरिका में नंबर एक ‘जैकफ्रूट’ ब्रांड और प्लांट बेस्ड कैटगरी में तीसरा सबसे बड़ा फ्रोजन ब्राण्ड होने का दावा करती है।
साल 2020 में अपने बिज़नेस को विस्तार देने के लिए, एनी ने ‘जैक एंड एनीज’ की स्थापना की, जो उनके कटहल व्यवसाय में दूसरा उद्यम था। उनका ब्रांड, मीटबॉल, नगेट्स, क्रम्बल्स, सॉसेज, बफेलो विंग्स आदि के रूप में लगभग एक दर्जन कटहल उत्पादों की बिक्री करता है। इसके फ्रोजन उत्पादों को 4.99 डॉलर (378रुपये) से 5.99 डॉलर (454 रुपये) तक के खुदरा मूल्य पर बेचा जाता है। वहीं, उनके रेफ्रीजरेटेड प्रोडक्ट्स की कीमत 6.99 डॉलर (530 रुपये) से 7.99 डॉलर (605 रुपये) तक है।
हमारे घरों के आस-पास आसानी से 30 रुपये किलो में मिलने वाले कटहल की यह कीमत थोड़ा चौंकाती जरूर है। अगर हिसाब लगाकर देखें तो कीमतों का यह अंतर लगभग 2000 परसेंट का है।
Jackfruit Product Startup कर रहा मिलियन डॉलर का कारोबार
एनी के ब्रांड (Jackfruit Product Startup) ने हाल ही में सीरीज बी फंडिंग में 23 मिलियन डॉलर का खुलासा किया है। 15,000 से ज्यादा जगहों पर उनके रिटेलर्स हैं। जिनमें होल फूड्स, स्प्राउट्स, मीजर, वेगमैन, हैनाफोर्ड, टारगेट और जाइंट शामिल हैं।
उनकी वेबसाइट बताती है, “एनी, मेडिसिन लाइन में इसलिए गईं क्योंकि उन्होंने जिंदगी को बेहतर बनाने का संकल्प लिया था। कटहल में उन्हें ऐसा करने का मौका दिखा। वास्तव में किसानों के लिए बाजार के अवसरों में सुधार, वितरण प्रणाली का निर्माण और दुनिया भर में कटहल को आसानी से उपलब्ध कराने के लिए एक इंटरनेशनल सप्लाई चेन बनाना, यही तो वह हमेशा से करना चाहती थीं।”
हालांकि बहुत से भारतीय, कटहल को बाजार में लेकर उतरे हैं और अपने प्रयासों में खासे सफल भी रहे। लेकिन उनमें से कोई भी एनी की तरह इसे एक मिलियन डॉलर बिजनेस में बदलने के करीब नहीं आ पाया है। शायद हमें इस तरफ और मजबूती से अपने कदम बढ़ाने की जरूरत है।