एक बार फिर फर्स्ट बिहार की खबर का असर हुआ है। हमने आपकों सुपौल सदर अस्पताल में नर्सों की लापरवाही की तस्वीरें दिखाई थी कि कैसे प्रसव पीड़ा से एक महिला ई-रिक्शा पर कराह रही है। इसकी सूचना दिए जाने के बावजूद अस्पताल की नर्से चाय की चुस्की लेती रही लेकिन महिला को देखने तक नहीं गयी। जिसके बाद प्रसव पीड़ा के बाद महिला ने ई-रिक्शा पर बच्चे को जन्म दे दिया। इसी मामले को संज्ञान में लेते हुए सिविल सर्जन ने लापरवाही बरतने वाली चारों नर्सों को निलंबित कर दिया है। 

जिन नर्सों को सस्पेंड किया गया है उनमें बबीता कुमारी, श्यामलता, मीना कुमारी और रुपम कुमारी शामिल है। इनकी लापरवाही को देखते हुए सीएस ने बड़ी कार्रवाई की। सुपौल में मानवता को शर्मसार करने वाली खबर फर्स्ट बिहार झारखंड ने दिखाई थी। इस खबर का बड़ा असर भी हुआ है। ई-रिक्शा पर एक प्रसव पीड़िता द्वारा नर्सों की लापरवाही के कारण बच्चे को जन्म देने के मामले में सीएस ने  सदर अस्पताल के 4 नर्सों को सस्पेंड कर दिया है। 

इन नर्सों के द्वारा घोर लापरवाही बरतते हुए चाय की चुस्की ली जा रही थी। वही प्रसव पीड़ा से कराहती एक महिला ई-रिक्शा पर ही बच्चे को जन्म दे रही थी। बार-बार बुलाए जाने पर भी नर्स मौके पर नहीं पहुंची और चार की चुस्की लेने में व्यस्त दिखी। इन नर्सों को निलंबन अवधि में निलंबन मुख्यालय भी तय कर दिया गया है। 

बबीता कुमारी को अनुमंडलीय अस्पताल निर्मली,श्यामलता को ललित नारायण अस्पताल बीरपुर,मीना कुमारी को रेफरल अस्पताल राधोपुर और रुपम कुमारी को सामुदायिक स्वास्थ केंन्द्र बलुवा बाजार छातापुर निर्धारित किया गया है.

ये घटना 2 अप्रैल की है। सदर थाना क्षेत्र के चैनसिंह पट्टी की रहने वाली बबीता देवी को प्रसव पीड़ा होने पर ई-रिक्शा से सदर अस्पताल सुपौल लाया गया था। जिसके बाद अस्पताल में मौजूद इन सभी एएनएम नर्सों को उसे देखने के लिए कहा गया लेकिन किसी नर्स ने चाय की चुस्की छोड़ प्रसव पीड़िता को देखना मुनासिब नही समझा। जिसके बाद काफी देर तक दर्द से कराहती महिला ने ई रिक्शा पर ही बच्चे को ही जन्म दे दिया।

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