जिस मां ने बेटे को पाल-पोषकर बड़ा किया। उसी बेटे ने कोरोना होने पर अपनी मां को अस्पताल में भर्ती कराकर लापता हो गया। आलम यह कि इस बेचारी बुजुर्ग संक्रमित का इलाज अब अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों के भरोसे चल रहा है।

भागलपुर में मायागंज अस्पताल के एमसीएच कोरोना आइसोलेशन वार्ड में सोमवार की शाम को एक 80 साल की बुजुर्ग महिला को भर्ती कराया गया। भर्ती कराने के कुछ देर बाद ही जब बुजुर्ग महिला ने शोर मचाना शुरू किया तो अन्य परिजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल प्रशासन से की। अस्पताल प्रबंधन ने जब महिला के बीएचटी पर दर्ज मोबाइल नंबर पर कॉल किया तो कॉल रिसीव करने वाले शख्स ने जवाब दिया कि बुजुर्ग को शुगर की बीमारी के साथ-साथ कोरोना का संक्रमण है, ऐसे में उनके पास कौन जाएगा। इसके बाद कर्मचारी महिला मरीज को देखभाल को लेकर परेशान हो गये। क्योंकि बुजुर्ग संक्रमित महिला की हालत ऐसी थी कि वह बिना किसी सहारे के वह बिस्तर से उठ तक नहीं सकती है।

कुछ देर बाद फिर समय बाद कर्मचारियों ने उस नंबर पर फोन किया तो फोन उठाने वाली महिला ने जवाब दिया कि उनका बेटा कहां है पता नहीं। रात में भोजन देने वाली एजेंसी का कर्मचारी संक्रमित बुजुर्ग के बेड तक गया और उसे खाना-पानी देकर चला आया। वहीं सोमवार की रात में नर्सों ने मरीजों का फालोअप किया तो उन्हें अन्य मरीजों ने बताया कि बुजुर्ग महिला को उन लोगों के बेड से कहीं और ले जाया जाए। सोमवार की रात आठ बजे तक संक्रमित बुजुर्ग महिला ऐसे ही अपने बेड पर चिल्ला रही थी, लेकिन उसके बेटे या फिर किसी अन्य तीमारदार का कोई पता नहीं था।

इस बाबत मायागंज अस्पताल के अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया कि परिजन के न रहने के बावजूद मरीज के इलाज, भोजन-पानी का इंतजाम कराया जा रहा है। उस महिला बुजुर्ग का अपनों की तरह देखभाल करने के प्रबंध का आदेश वार्ड के हेल्थ मैनेजर को दे दिया गया है।

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