सहरसा नगर निगम क्षेत्र में लगातार सामने आ रहे स्ट्रीट लाइट चोरी के मामलों का आखिरकार पुलिस ने खुलासा कर दिया है। ताजा मामला सदर थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां बीते कुछ दिनों से शहर के अलग–अलग वार्डों में स्ट्रीट लाइटें गायब होने की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इन घटनाओं के कारण कई इलाकों में अंधेरा पसरा हुआ था, जिससे आम लोगों को रात के समय आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
लगातार मिल रही शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सहरसा पुलिस ने विशेष जांच शुरू की। सदर थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने बताया कि स्ट्रीट लाइट चोरी की घटनाओं से शहर की सुरक्षा व्यवस्था भी प्रभावित हो रही थी। ऐसे में पुलिस ने शहर के विभिन्न इलाकों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले और तकनीकी जांच के जरिए संदिग्धों की पहचान की।
जांच के क्रम में पुलिस ने फकीर टोला, वार्ड नंबर-19 निवासी 26 वर्षीय अल्ताफ को हिरासत में लिया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने स्ट्रीट लाइट चोरी की घटनाओं में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली। आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने उसके पास से 7 चोरी की गई स्ट्रीट लाइटें बरामद की हैं।
पुलिस के अनुसार, पूछताछ में आरोपी ने यह भी कबूल किया कि उसने सहरसा शहर के करीब 22 अलग-अलग स्थानों से स्ट्रीट लाइट चोरी की थी। चोरी की गई लाइटों को वह बेचने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।
वहीं इस मामले में नया मोड़ तब आया, जब गिरफ्तार आरोपी की मां अमना खातून ने आरोप लगाया कि पूर्व वार्ड पार्षद प्रतिनिधि मुकेश कुमार द्वारा उनके पुत्र से काम करवाया जाता था। हालांकि पुलिस ने इस आरोप को लेकर जांच की बात कही है और किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से इनकार किया है।
सदर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली है और उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस पूरे मामले में अन्य लोगों की संलिप्तता की भी जांच की जा रही है। यदि किसी और की भूमिका सामने आती है तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल स्ट्रीट लाइट चोरी के इस खुलासे के बाद नगर निगम और आम लोगों ने राहत की सांस ली है, वहीं पुलिस प्रशासन ने शहर में निगरानी और गश्त बढ़ाने की बात कही है।
