भागलपुर जिले के नाथनगर थाना क्षेत्र स्थित पसीटोला में सोमवार को एक बड़ी घटना सामने आई जब ललमटिया थाना की पुलिस अवैध शराब की छापेमारी के लिए पहुंची। पुलिस टीम पर स्थानीय महिलाओं और ग्रामीणों ने पथराव कर दिया, जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए और पुलिस वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गया। यह घटना तब हुई जब पुलिस ने एक महिला को हिरासत में लिया और उसे थाने ले जाने की कोशिश की।

घटना की शुरुआत ललमटिया थाना पुलिस की उस कार्रवाई से हुई, जिसमें रवि चौधरी नामक व्यक्ति के घर से 25 लीटर से अधिक देसी शराब बरामद की गई। पुलिस ने मौके से 10 लोगों को हिरासत में लिया। इसी दौरान पुलिस ने एक महिला को भी हिरासत में लिया, जो जानकारी के मुताबिक एक सेवानिवृत्त पदाधिकारी की पत्नी है। जब पुलिस महिला को ले जा रही थी, तभी उसके परिजन और आसपास के ग्रामीणों ने विरोध करना शुरू कर दिया।

देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस को घेर लिया और विरोध करने लगे। आरोप है कि इसके बाद ग्रामीणों ने छत से पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। पथराव में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए जबकि ललमटिया थाना की गाड़ी को भी गंभीर नुकसान पहुंचा।

घटना की जानकारी मिलते ही ललमटिया थाना अध्यक्ष रंजीत कुमार ने डीएसपी राकेश कुमार और इंस्पेक्टर रंजीत कुमार सिंह को सूचित किया। थोड़ी ही देर में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और पथराव कर रहे लोगों को खदेड़ना शुरू कर दिया। पुलिस को एक्शन में देख हमलावर भाग खड़े हुए। मौके पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी संख्या में बल की तैनाती की गई है।

ग्रामीणों का आरोप है कि छापेमारी के दौरान पुलिस ने घर में घुसकर महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट की। एक लड़की को थप्पड़ मारे जाने की बात भी सामने आई है। आरोप यह भी लगाया गया कि छापेमारी टीम में कोई महिला पुलिसकर्मी मौजूद नहीं थी, जबकि महिलाओं की गिरफ्तारी और पूछताछ के लिए महिला पुलिस की मौजूदगी अनिवार्य होती है। ग्रामीणों ने पुलिस पर दुर्व्यवहार और बेकसूर लोगों को पीटने का भी आरोप लगाया।

दूसरी ओर, पुलिस ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अवैध शराब की सूचना पर कार्रवाई की गई थी और छापेमारी के दौरान ही लोगों ने हिंसक विरोध किया। पुलिस ने पथराव की घटना में शामिल कई लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।

घटना के बाद आईजी और एसपी खुद मामले की निगरानी कर रहे हैं। ललमटिया थाना अध्यक्ष सहित अन्य अधिकारियों से लगातार पल-पल की जानकारी ली जा रही है। पूरे मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।

इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्यप्रणाली और ग्रामीणों के साथ उनके व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि, यह भी स्पष्ट है कि कानून व्यवस्था को हाथ में लेने की इजाजत किसी को नहीं है। अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस की अगली कार्रवाई क्या होती है और क्या दोषियों को सजा मिल पाती है।

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