किसी जिले के किसी थाना क्षेत्र में कोई बड़ी वारदात या घटना होने पर उसे लेकर इंस्पेक्टर से लेकर एसपी तक कितने संजीदा हैं, इसकी मॉनिटरिंग पुलिस मुख्यालय करेगा। वारदात के बाद संबंधित थाना प्रभारी, थाने की टीम, डीएसपी से लेकर एसपी तक कितनी देर बाद पहुंचते हैं.. इसका लेखा-जोखा मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम के माध्यम से रखा जाएगा। इसे लेकर डीजीपी विनय कुमार ने सभी जिलों को सख्त हिदायत दी है।

किसी बड़ी वारदात या खासतौर से आपराधिक घटना होने पर संबंधित थाना क्षेत्र के इंस्पेक्टर से लेकर जिला के एसपी तक को स्वयं घटना स्थल पर जाना होगा। इसके लिए पुलिस मुख्यालय में मौजूद कंट्रोल रूम को अधिक सशक्त बनाया जा रहा है। सभी थाना से लेकर जिला मुख्यालय तक सीधे मुख्यालय कंट्रोल रूम के संपर्क में रहेंगे। घटना के बाद संबंधित थाने से लेकर एसपी तक को यहां से फोन कर जानकारी ली जाएगी कि वे कितनी देर में वहां पहुंचे। फिर इसकी क्रॉस चेकिंग की जाएगी। पुलिस मुख्यालय से सभी एसपी को निर्देश दिया गया है कि वे फोन पर किसी घटना की सूचना आने पर औपचारिकता पूरी नहीं करें। स्पॉट पर जाकर स्वयं तफ्तीश कर उचित दिशा-निर्देश दें। नए डीजीपी ने पद संभालने के अगले दिन सभी जिलों के एसपी के मूवमेंट की जानकारी ली, तो पता चला कि मधुबनी एसपी को छोड़कर अन्य किसी जिले के एसपी ने घटना स्थल पर जाकर किसी मामले की तफ्तीश नहीं की है।

बिना हथियार नहीं करें पेट्रोलिंग

यह भी निर्देश दिया गया है कि पेट्रोलिंग के दौरान वे अपने साथ अनिवार्य रूप से पिस्टल या अन्य छोटे हथियार रखें। बिना हथियार के पेट्रोलिंग नहीं करें। अगर बिना हथियार कोई पेट्रोलिंग करते पाया गया, तो कार्रवाई होगी। सभी जिलों की पुलिस लाइन में हथियारों की कोई कमी नहीं है। हथियार पुलिस वर्दी का हिस्सा होता है। इस कारण भी इसे रखना आवश्यक है।

सिटी एसपी और एसपी भी करेंगे पेट्रोलिंग

थानों के स्तर से की जाने वाली रात्रि या दिन की गश्ती में एएसआई रैंक के पदाधिकारी और सिपाही ही दिखते हैं। डीजीपी ने भी दो दिन रात्रि गश्ती का मुआयना किया, तो यही पाया। इसके मद्देनजर पेट्रोलिंग को लेकर फरमान जारी किया गया है कि इंस्पेक्टर से लेकर सिटी एसपी और एसपी भी पेट्रोलिंग में निकलें। बीच-बीच में ये वरीय अधिकारी अपने इलाके में राउंड मारें ।

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