भागलपुर में दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा देने आए 19 वर्षीय छात्र करण सिंह के कथित अपहरण की सूचना से पुलिस महकमे में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यह खबर सामने आई कि छात्र अचानक लापता हो गया है। करण सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ का रहने वाला है और परीक्षा में शामिल होने के लिए भागलपुर आया था। जैसे ही इस संबंध में सूचना मिली, भागलपुर पुलिस ने बिना समय गंवाए त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी।
पुलिस की सक्रियता का नतीजा यह रहा कि महज ढाई घंटे के भीतर छात्र करण सिंह को सकुशल बरामद कर लिया गया। हालांकि, इस कार्रवाई के दौरान मामला केवल अपहरण तक सीमित नहीं रहा, बल्कि पुलिस के हाथ एक बड़े अंतरराज्यीय सॉल्वर–अपहरण गिरोह का खुलासा भी हो गया। जांच में सामने आया है कि यह गिरोह लंबे समय से बिहार के विभिन्न परीक्षा केंद्रों को अपना ठिकाना बनाकर काम कर रहा था।
पुलिस के अनुसार, गिरोह पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से आने वाले प्रतियोगी छात्रों को निशाना बनाता था। आरोप है कि यह गिरोह परीक्षा में सॉल्वर बैठाने का झांसा देकर छात्रों और उनके परिजनों से 10 से 15 लाख रुपये तक की मोटी रकम वसूलता था। कई मामलों में छात्रों को डराने-धमकाने और अपहरण जैसी साजिश रचकर पैसे ऐंठे जाते थे।
इसी क्रम में पुलिस ने हबीबपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत मुरारी यादव के मकान के पास छापेमारी कर छह आरोपियों को गिरफ्तार किया। चौंकाने वाली बात यह रही कि कथित अपहृत छात्र करण सिंह भी उसी स्थान पर मौजूद मिला। प्रारंभिक पूछताछ में गिरोह के नेटवर्क, सॉल्वर की व्यवस्था, परीक्षा केंद्रों से मिलीभगत और पैसों की उगाही से जुड़े कई अहम खुलासे हुए हैं।
फिलहाल पुलिस सभी आरोपियों से गहन पूछताछ कर रही है। साथ ही गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई से परीक्षा माफिया को बड़ी चोट पहुंची है और भविष्य में भी इस तरह के संगठित अपराधों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।
