गुजरात के अहमदाबाद में कथित तौर पर दो मुस्लिम युवकों की ओर से चरवाहा समुदाय के एक युवक की दिनदहाड़े हत्या का मामला तुल पकड़ लिया है। घटना ने गुजरात में सांप्रदायिक रूप से तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है। सोमवार को इस घटना को लेकर हिंदू संगठनों ने पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध के दौरान ‘किशन हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’ के नारे भी लगे।

हत्या के खिलाफ राजकोट, सूरत, कर्जन, अहमदाबाद और कई अन्य छोटे शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। राजकोट में मालधारी (चरवाहा) समुदाय के लोगों द्वारा सोमवार को एक विशाल जुलूस निकाला गया। जुलूस में किशन हम शर्मिंदा है, तेरे कातिल अभी जिंदा हैं के नारे लगे। किशन उसी युवक का नाम है जिसकी हत्या की गई है।

राजकोट में विरोध कर रहे लोगों ने 27 वर्षीय किशन भरवाड़ के परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में ज्ञापन सौंपा। लौटते समय उन्होंने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ की और कुछ वाहनों को आग लगाने की कोशिश की, लेकिन चीजें नियंत्रण से बाहर होने से पहले ही स्थानीय पुलिस ने उन्हें घेर लिया। प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग है कि हत्यारों को फांसी दी जाए।

किशन की हत्या छह जनवरी को एक फेसबुक पोस्ट कथित तौर पर साझा करने को लेकर की गई थी जिसके बारे में कुछ लोगों का आरोप है कि उससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुईं। किशन की हत्या करने वालों में कथित तौर पर दो युवक शामिल थे जो कि बाइक से आए थे और गोली मारते हुए फरार हो गए। गुजरात में यह मामला उसी समय तुल पकड़ लिया जब विश्व हिंदू परिषद ने धंधुका शहर में बंद का आह्वान किया था।

विहिप के बंद के आह्वान के एक दिन बाद, गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी मृतक के परिवार के साथ सहानुभूति व्यक्त करने के लिए शहर पहुंचे थे। पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के बाद तुरंत बाद उन्होंने स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कहा था यह कोई साधारण हत्या नहीं थी, बल्कि एक साजिश थी।

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