प.चम्पारण के बगहा पुलिस जिला में एक नाबालिग से यौन शोषण करने और उसका गर्भपात करवा देने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दरअसल रिश्ते के दादा ने पड़ोस के नाबालिग से दुष्कर्म किया और इस मामले को दबाने के लिए पीड़ित के परिजनों पर दबाव डाल कर पंचायत करवाई गई। हैरान करने वाली बात यह है कि पंचायत ने नाबालिग के आबरू कीमत दो लाख रुपये लगाई और मामले को दबा दिया गया। चौंकाने वाली बात तो यह है कि आरोपी ने पंचों के सामने एक पंचनामा तैयार किया है। जिसमें उसने स्वयं लड़की के साथ दुष्कर्म का बात कबूल किया है। लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। अब मामला सामने आने के बाद जिले के पुलिस कप्तान थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
मामला जिले भैरोगंज थाना क्षेत्र के बरवा गांव से जुड़ा है। जहां
लगभग छह माह पहले 14 वर्षीय नाबालिक से रिश्ते में दादा लगनेवाले आरोपी ने दुष्कर्म किया। पीड़िता का कहना है कि रिश्ते के दादा ने उसके परिजनों को खबर भेजवाई कि उसके घर पर कोई नही है इसलिए लड़की को खाना बनाने के लिए लड़की के पिता की स्वीकृति लेकर बुलाया। जहां जबरदस्ती लड़की के साथ संबंध स्थापित कर लिया। इस दरमियांन लड़की गर्भवती हो गई। जिसे कुछ ही दिनों बाद लड़की के परिजनों ने गर्भपात करा दिया। हालांकि मामला लोगों तक ना पहुंचे इस डर से लड़की के परिजन चुप रहे।
दो लाख देकर छुड़ाया पीछा
परिजनों का कहना है कि इस घटना के कुछ दिन बाद मुखलाल शाह ने लड़की को डरा धमका कर फिर दोबारा संबंध स्थापित किया। मुखलाल जब फिर से लड़की को डराने धमकाने लगा तो लड़की ने अपने परिजनों से आपबीती सुनाई। जिसके बाद परिजन आवेदन लेकर थाना पहुंचे। जैसे ही इस बात की सूचना गांव के लोगों को मिली ग्रामीणों ने पंचायती बैठा दिया। आरोपित 60 वर्षीय मुखलाल साह ने पंचों के समक्ष अपनी गलतियों को स्वीकार किया है। जुर्माना के तौर पर 2 लाख रुपए देने की बात भी कबूल ली वहीं पंचायतों ने भी इस पर अपनी सहमति दिखाते हुए मामले को 2 लाख में रफा-दफा कर दिया। इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने महिला थाना से आवेदन वापस ले लिया गया।
छह माह फिर खुली फाइल
अब जैसे ही इस मामले की खबर एसपी किरण कुमार गोरख जाधव को मिली उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए थानाध्यक्ष उमाशंकर माझी को निलंबित कर दिया है। बता दें कि पंचायत नामा का कागज वायरल होते ही एसपी ने पड़ताल करवाई जिसमे महिला थानाध्यक्ष दोषी पाए गए लिहाजा यह कार्रवाई की गई है।