इसको लेकर अक्सर यह देखा जाता है कि दिन और रात कभी ट्रैक्टर तो कभी मिनी हाईवा लगातार धड़ल्ले से बालू का परिचालन करते रहता है। दूसरी तरफ धोरैया थाने में सैकड़ों बालू लदे ठेला का परिचालन भी किया जाता है पासिंग लेकर जो कि बटसार होते हुए अटपहरा गांव होते हुए सन्हौला थाना क्षेत्र में प्रवेश करता है जो लारन पुल पास करते हुए रमासी के पास निकलता है । सूत्रों के अनुसार यह पता चला है कि अमडंडा,सनोखर थाने क्षेत्र में भी बालू का अवैध कारोबार तेजी से चल रहा है
इसी दौरान सन्हौला थाना अंतर्गत से जा रही एक मिनी है को पुलिस ने ओवरलोडेड बालू लदे होने के कारण जप्त कर लिया है और अपने वरीय अधिकारी के पास लिखित तौर पर भेज दिया है। आपको बता दूं कि बिहार सरकार के संगीन में अभी भागलपुर जिले में बालू की कारोबार बंद है फिर भी दिन हो या रात गाड़ी का परिचालन बंद नहीं है। आखिर यह अवैध बालू का कारोबार कैसे चल रहा है और किस के निर्देश पर चल रहा है, इसका जिम्मेदार कौन है ?
अगर इसमें किसी की मिलीभगत नहीं है तो कैसे चल रहा है। शासन प्रशासन का भी इस पर कोई ध्यान नहीं है। सूत्रों की माने तो रात के 10:00 बजे से सुबह 5:00 बजे तक धड़ल्ले से गाड़ी ओवरलोडेड बालू का परिचालन चालू रहता है। अब देखना यह है कि धड़ल्ले से जा रही ओवरलोडेड बालू लदे बिना चलान के ट्रैक्टर,ठेला एवं मिनी हाईवा पर कब तक कार्रवाई की जाती है।