पटना। राज्य के सभी ईंट-भह्वों और मॉल (संगठित क्षेत्र) में काम करने वाले श्रमिकों को अप्रैल से खाता में ही वेतन की राशि मिलेगी। श्रम संसाधन विभाग ने इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है।

पिछले दिनों हुई विभागीय बैठक में यह बात आयी है कि बिहार में न्यूनतम मजूदरी लागू है, लेकिन इसका लाभ कामगारों को नहीं मिल रहा है।

विशेषकर ईंट-भट्ठों में काम करने वाले मजदूर सबसे अधिक प्रताड़ित हो रहे है। वहीं, संगठित क्षेत्र में काम करने वाले निजी संस्थान मसलन मॉल में भी श्रम नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

विभाग ने तय किया है कि ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले सभी श्रमिकों की पूरी जानकारी मांगी जायेगी। इसमें पूरी राशि का ब्योरा होगा और कितने लोग काम करते है, यह भी जानकारी मांगी जाएगी।

जहां भी खाता में पैसा जायेगा, वहीं सभी श्रमिकों को विभाग की योजनाओं का लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा। जिस किसी संस्थान में 10 से अधिक लोग काम करते हैं। वहां के कर्मियों को ईएसआई से जोड़ा जाएगा।

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