गुजरात के भरूच जिले स्थित दहेज इंडस्ट्रियल एरिया में सामाजिक सरोकार की एक मिसाल देखने को मिली। यहां विभिन्न स्थानों पर रह रहे बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों के बीच सहायक रोजगार इंडिया द्वारा 100 कंबलों का वितरण किया गया। कठोर सर्दी की शुरुआत के बीच यह पहल मजदूरों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है। संस्था ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ शुरुआत है—कंबल वितरण अभियान आगे भी लगातार जारी रहेगा।
सहायक रोजगार इंडिया एक ऐसी संस्था है जो लंबे समय से आम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है। संस्था विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी मजदूरों तक पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें जागरूक करने की दिशा में भी निरंतर अभियान चलाती रहती है।
इस संस्था के संस्थापक सुनील कुमार, जो मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिले के नारायणपुर के रहने वाले हैं, स्वयं प्रवासी जीवन का अनुभव रखते हैं। यही वजह है कि वे प्रवासी श्रमिकों की कठिनाइयों को बारीकी से समझते हैं। हर वर्ष की तरह इस साल भी ठंड बढ़ते ही वे मानव सेवा के कार्यों में सक्रिय हो गए हैं। सुनील कुमार का मानना है कि “मानव सेवा ही सच्चा धर्म है और इसी के माध्यम से सहायक रोजगार इंडिया का सपना साकार हो सकता है।”
आज दहेज इंडस्ट्रियल एरिया में 100 कंबलों का वितरण करके उन्होंने फिर से साबित किया कि संस्था केवल रोजगार तक सीमित नहीं, बल्कि जरूरत के समय लोगों के साथ खड़ी होने की भावना भी रखती है। सुनील कुमार ने बताया कि आने वाले दिनों में भी अधिक से अधिक जरूरतमंद मजदूरों तक कंबल और अन्य आवश्यक सहायता पहुंचाई जाएगी।
ठंड की ठिठुरन के बीच यह योगदान प्रवासी मजदूरों के चेहरों पर राहत और उम्मीद की गर्माहट लेकर आया है। सहायक रोजगार इंडिया की यह पहल समाज सेवा की दिशा में प्रेरणादायक कदम माना जा रहा है।
