सहरसा जिले के ग्राम पंचायत चन्द्रायन में विकास कार्यों के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितता का गंभीर आरोप सामने आया है। आरोप है कि पंचायत में आरो (आरओ) का अधिष्ठापन गलत तरीके से किया गया है, जिसकी कुल लागत लगभग 25 लाख रुपये बताई जा रही है। जबकि नियमानुसार एक योजना की लागत मात्र 5 लाख रुपये की होनी चाहिए थी।
स्थानीय सूत्रों और शिकायतकर्ताओं का कहना है कि योजना से जुड़ी खरीदारी के कागजात कुछ और दर्शाते हैं, अभिलेखों में अलग जानकारी दर्ज है, जबकि सहरजमी हकीकत पूरी तरह अलग बताई जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि योजना में गड़बड़ी की गई है।
सबसे गंभीर आरोप भुगतान को लेकर है। बताया जा रहा है कि इस योजना का भुगतान 15वीं वित्त आयोग की टाइड मद से किया जाना था, लेकिन पंचायत सचिव, मुखिया और जेई की मिलीभगत से एसी वेंडर के साथ मिलकर भुगतान अन-टाइड मद से कर दिया गया। यह सीधे तौर पर सरकारी नियमों का उल्लंघन और योजना राशि के बंदरबांट की ओर इशारा करता है।
ग्रामीणों ने इस पूरे मामले को गंभीर बताते हुए सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, ताकि दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो और पंचायत स्तर पर हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लग सके।
