रामनवमी के अवसर पर मध्य प्रदेश के खरगोन में निकाली श्रीराम शोभायात्रा पर रविवार शाम को तालाब चौक के पास पथराव किया गया। उपद्रवियों ने 30 से ज्यादा दुकानों और मकानों में आग लगा दी। रात करीब 9 बजे मामला कुछ शांत हुआ, लेकिन देर रात 12 बजे फिर हिंसा भड़क गई। इस दौरान उपद्रवियों की गोली से जिले के पुलिस कप्तान भी घायल हो गए। वहीं स्थिति का जायजा लेने पहुंचे स्थानीय सांसद भी भीड़ के बीच घिर गए।
इस घटना में 10 पुलिसकर्मी और 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। SP सिद्धार्थ चौधरी के बाएं पैर में गोली लगी है। वहीं, पुलिस ने सोमवार सुबह तक 70 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है। पुलिस-प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।
हिंसा पर बेहद गुस्से में सीएम शिवराज, कहा – किसी को नहीं छोड़ेंगे
रामनवमी पर हुए हिंसा की घटना के लेकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। साथ ही इस पूरे मामले में तल्ख तेवर अपनाते हुए उन्होंने कहा है कि जो भी इस दंगे में शामिल होंगे, उनमें से किसी को भी नहीं बख्शा जाएगा। उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। दंगाई चिह्नित कर लिए गए हैं। जिन्होंने पत्थर चलाए, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया, उनसे सार्वजनिक या निजी संपत्ति के नुकसान की वसूली भी करेंगे।

गृह मंत्री भी एक्शन मोड में
इस घटना पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जिन घरों से पथराव हुआ है, उन्हें ही पत्थर का ढेर बनाएंगे। अब खरगोन में शांति है। वहां पर्याप्त पुलिस बल मौजूद है। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय और प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने ट्वीट कर आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही।
सांसद और BJP प्रदेश उपाध्यक्ष फंसे
पथराव की सूचना पर रविवार शाम 7.45 बजे सांसद गजेंद्र सिंह पटेल और भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम महाजन सराफा और भाटवाड़ी पहुंचे। इस दौरान वहां पथराव और आगजनी होने लगी। इसके बाद दोनों सीधे कोतवाली पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद कर्मचारियों से कहा कि जल्दी पुलिस बल भेजो। पुलिसकर्मियों ने जवाब दिया कि यहां फोर्स कम है। इसके बाद खरगोन प्रशासन ने इंदौर के वरिष्ठ अफसरों को सूचना देकर पुलिस बल बुलाया।
फिलहाल, इस घटना के बाद पूरे इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं हिंसा में शामिल 77 लोगों को हिरासत में लिया गया है। घटना के बाद इलाके में पुलिस मुस्तैदी बढ़ा दी गई है।