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भागलपुर: ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे को सशक्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत भागलपुर जिले के ग्रामीण इलाकों में आठ नई सड़कों के निर्माण को स्वीकृति मिल गई है। इन सड़कों का निर्माण न केवल स्थानीय लोगों को बेहतर संपर्क सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसे क्षेत्रों में भी सुधार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी। खास बात यह है कि ये सभी सड़कें आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ड रोड मेंटेनेंस पॉलिसी (OPRMP) के तहत बनाई जाएंगी, जिसमें निर्माण के बाद छह वर्षों तक उनका नियमित रखरखाव भी शामिल रहेगा।

12.75 किमी लंबी सड़कों पर खर्च होंगे 15.58 करोड़ रुपये

स्वीकृत परियोजना के तहत कुल आठ सड़कों का निर्माण किया जाएगा जिनकी कुल लंबाई 12.75 किलोमीटर होगी। इन पर अनुमानित रूप से 15.58 करोड़ रुपये की लागत आएगी। विभाग द्वारा निर्माण एजेंसी के चयन की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 11 जुलाई को इसका तकनीकी परीक्षण (टेक्निकल बिड ओपनिंग) किया जाएगा।

इस परियोजना के लिए जो सड़कें स्वीकृत की गई हैं, वे तीन डिवीजन में विभाजित हैं:

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भागलपुर डिवीजन अंतर्गत चार सड़कें:

  1. छोटी जमीन प्राथमिक विद्यालय से बजरंगवली स्थान तक
    यह सड़क स्थानीय ग्रामीणों के धार्मिक और शैक्षणिक गतिविधियों से सीधे जुड़ी हुई है। इसके बनने से छात्रों और श्रद्धालुओं को आवागमन में काफी सुविधा होगी।
  2. टूट्टा पुल से देहरनिया मंडल के घर तक
    यह सड़क बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से जुड़ी हुई है, जिससे आपदा प्रबंधन के दौरान भी इसका महत्व रहेगा।
  3. हाई स्कूल दीनदयालपुर से मालपोखर तक
    छात्रों के लिए यह सड़क बड़ी राहत लेकर आएगी, साथ ही ग्रामीण बाजार से संपर्क भी बेहतर होगा।
  4. इंग्लिश रतनपुर कहर टोला से पीएमजीएसवाइ रोड तक
    यह संपर्क सड़क PMGSY योजना की एक शाखा होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्र मुख्य सड़क से जुड़ जाएगा।

कहलगांव डिवीजन अंतर्गत दो सड़कें:

  1. रसलपुर से एकचारी अमडंडा रोड तक
    यह सड़क कहलगांव अनुमंडल के कई गांवों को आपस में जोड़ेगी, जिससे स्थानीय कृषि उत्पादों का परिवहन आसान होगा।
  2. भगैया एसएच 33 से ऊपर बंधा तक
    यह सड़क राज्य उच्च पथ (एसएच 33) से जुड़कर ग्रामीणों को बेहतर परिवहन सुविधा देगी।

नवगछिया डिवीजन अंतर्गत दो सड़कें:

  1. बिहपुर पीएमजीएसवाई रोड एनएच 31 सतीशनगर से जयरामपुर तक
    यह सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-31) से जुड़कर जयरामपुर गांव को बड़ी सड़कों से जोड़ेगी।
  2. तीटंगा करारी में भगवानदास टोला से नारायणदास घर तक
    यह सड़क स्थानीय आवासीय क्षेत्रों को जोड़ेगी और अंदरूनी क्षेत्रों के विकास में सहायक होगी।

मेंटेनेंस के साथ निर्माण, नई नीति के तहत बड़ा कदम

इस बार खास बात यह है कि सभी सड़कों का निर्माण OPRMP के तहत किया जाएगा। इसका मतलब है कि चयनित एजेंसी को निर्माण के बाद छह वर्षों तक उन सड़कों का नियमित रखरखाव भी करना होगा। इससे सड़कों की गुणवत्ता में सुधार होगा और लंबे समय तक वे उपयोग योग्य बनी रहेंगी। अक्सर देखा जाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बनी सड़कें कुछ ही वर्षों में जर्जर हो जाती हैं। लेकिन नई नीति के तहत एजेंसी पर जिम्मेदारी तय होगी कि वे सड़कों की स्थिति को बनाए रखें।

स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से भागलपुर जिले के कई दूर-दराज के गांव मुख्य मार्गों से जुड़ेंगे। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि को मजबूती मिलेगी। आवागमन की सुविधा से ग्रामीणों को बाजार तक पहुंच आसान होगी, जिससे उनका सामाजिक और आर्थिक जीवन स्तर ऊपर उठेगा।

जनता को उम्मीद – अब विकास की रफ्तार तेज होगी

स्थानीय लोगों में इस निर्णय को लेकर काफी उत्साह है। कई पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने सरकार की इस पहल का स्वागत किया है। ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से सड़कों की स्थिति बदतर थी, जिससे आवागमन में परेशानी होती थी, विशेषकर वर्षा के दिनों में। लेकिन अब उन्हें उम्मीद है कि यह निर्णय गांवों के विकास की रफ्तार को तेज करेगा।

इस परियोजना के तहत विभाग की सक्रियता, पारदर्शी निविदा प्रक्रिया और रखरखाव की जिम्मेदारी तय होना यह सुनिश्चित करता है कि यह केवल एक निर्माण कार्य नहीं बल्कि ग्रामीण विकास का एक स्थायी प्रयास है।

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