केंद्र सरकार लगातार ऊर्जा के पारंपरिक सोर्स की बजाय वैकल्पिक साधनों पर निर्भरता बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसी क्रम में पेट्रोल-डीजल की खपत कम करने की कोशिश हो रही है ताकि हम तेल के आयात के लिए विदेशों पर आश्रित न रहें. सरकार की ओर से सौर ऊर्जा के बेहतर इस्तेमाल पर फोकस किया जा रहा है और इसके लिए बकायदा केंद्र की ओर से सब्सिडी भी दी जा रही है. अगर आप अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाते हैं तो आपको 30 फीसदी की सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही इसका इस्तेमाल घर में खर्च होने वाली बिजली के विकल्प के तौर पर किया जा सकता है.

सरकार देती है सब्सिडी

अपने घर की छत पर सोलर पैनल को लगाने पर बिजली के बिल की टेंशन भी खत्म हो जाएगी है क्योंकि आम घरों में इस्तेमाल होने वाली बिजली खपत के लिए यहां से पर्याप्त ऊर्जा हासिल की जा सकती है. सोलर पैनल लगवाने वालों को केंद्र सरकार की ओर से रूफटॉप सोलर प्‍लांट पर 30 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है जिससे आपका एक लाख का खर्च करीब 70 हजार रुपये में सिमट जाएगा.

घर की छत पर एक सोलर पैनल लगवाने का खर्च करीब एक लाख रुपये आता है. लेकिन सब्सिडी के बाद एक किलोवॉट का सोलर प्लांट सिर्फ 70 हजार रुपये में ही लगवाया जा सकता है. केंद्र सरकार की सब्सिडी के अलावा कुछ राज्य इसके लिए अलग से सब्सिडी भी देते हैं. ऐसे में यह 70 हजार का खर्च और भी कम हो सकता है. 

25 साल के लिए हो जाएं टेंशन फ्री!

इस योजना का फायदा उठाने के लिए सबसे पहले आपको राज्य सरकार की रिन्यूएबल एनर्जी अथॉरिटी के पास जाना होगा, जो सोलर पैनल इश्यू करते हैं. देश के प्रमुख शहरों में इनके ऑफिस बनाए गए हैं और प्राइवेट डीलर्स के जरिए सोलर पैनल मुहैया कराए जाते हैं. अगर आपको पैनल लगवाने के लिए सब्सिडी चाहिए तो इसका फॉर्म भी इन्हीं दफ्तरों से मिलेगा. एक बार अगर ये सोलर पैनल घर पर लगवा लिया तो अगले 25 साल के लिए मुफ्त में बिजली चला सकते हैं.

एक सोलर पैनल की उम्र 25 साल के करीब होती है. मतलब इतने लंबे वक्त तक इसमें खराबी आने या फिर फेल होने की संभावना न के बराबर है. पैनल लगवाने के बाद आपको सौर ऊर्जा के जरिए बिजली मिलेगी. पैनल आपकी छत पर इंस्टॉल होगा और ऐसे में उसकी देखरेख भी आसान हो जाती है. यह पैनल एक किलोवाट से 5 किलोवाट तक की क्षमता के होते हैं. इसे लगवाने के बाद बिजली बिल जीरो हो जाएगा साथ ही ग्रीन एनर्जी के इस्तेमाल से प्रदूषण कम करने में भी आप योगदान कर सकते हैं.

कूलर-एसी सब कुछ चलेगा

सरकार की तरफ से पर्यावरण संरक्षण और ग्रीन एनर्जी पर फोकस करने के मकसद से यह योजना शुरू की गई है. सबसे खास बात है कि सोलर पैनल में मेटनेंस खर्च न के बराबर होता है. आपको हर 10 साल में एक बार बैटरी जरूर बदलनी होती है. इसका बैटरी का खर्च भी करीब 20 हजार रुपये आता है. जरूरत के मुताबिक इस सोलर पैनल को एक से दूसरी जगह पर आसानी से ले जाया जा सकता है.

घर में ट्यूबलाइट से लेकर पंखा और फ्रिज से लेकर टीवी सब कुछ इस सोलर पैनल की बिजली से चलाया जा सकता है. इसके लिए एक किलोवाट की क्षमता का पैनल काफी होता है. अगर घर में AC चलाना है तो ऐसे में 2 किलोवाट के पैनल की जरूरत होगी. ऐसे ही बिजली से चलने वाले किसी बड़े उपकरण को चलाने के लिए क्षमता के मुताबिक अलग-अलग पैनल मिलते हैं.

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