आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को जेल से बाहर आने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. दरअसल चारा घोटाले के डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में सजा काट रहे आरजेडी प्रमुख व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई टल गई. लालू यादव की जमानत याचिका पर आज यानि 8 अप्रैल को झारखंड उच्च न्यायाल के न्यायमूर्ति अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई. अब इस मामले पर अगली सुनवाई 22 अप्रैल को होगी. जमानत के लिए लालू यादव ने हाईकोर्ट में गुहार लगाईं है।

जमानत पर सीबीआई की ओर से ऑब्जेक्शन किया गया था. CBI ने हाई कोर्ट से समय मांगा है. जिस पर कोर्ट ने सीबीआई को काउंटर एफिडेविट फाइल करने का अंतिम मौका दिया है. बता दें कि पिछले सप्ताह न्यायाधीश के उपलब्ध नहीं होने से लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. चारा घोटाले के डोरंडा ट्रेजरी से अवैध निकासी मामले में लालू प्रसाद यादव को 21 फरवरी को सजा सुनायी गयी थी. इस मामले में उन्हें पांच साल की सजा हुई है. साथ ही लालू यादव पर जुर्माना भी लगाया गया है।

बतातें चलें कि बढ़ती उम्र और कई प्रकार की बीमारियों का लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका में हवाला दिया गया है. इसके अलावा उनके वकील की ओर से यह भी कहा गया कि उन्होंने इस मामले में सजा की आधी अवधि जेल में पहले ही पूरी कर ली है. इस आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए. इससे पहले 22 मार्च को चारा घोटाले में सजा भुगत रहे राजद सुप्रीमो लालू यादव की किडनी में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रिम्स के मेडिकल बोर्ड की सलाह पर विशेष विमान से उन्हें दिल्ली स्थित एम्स ले जाया गया था।

बता दें कि लालू यादव ने सीबीआई अदालत के आदेश के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में 24 फरवरी को अपील की थी. इसके साथ ही उन्होंने जमानत के लिए भी आवेदन किया था. इस मामले पर 4 मार्च को सुनवाई हुई थी लेकिन अदालत ने याचिका में त्रुटियों को सुधारने करने का निर्देश देते हुए इसकी सुनवाई 11 मार्च को निर्धारित की थी. जमानत याचिका पर 11 मार्च को भी सुनवाई नहीं हो सकी थी क्योंकि उस तारीख पर अदालत ने सीबीआई अदालत से रिकॉर्ड मंगाने का निर्देश दिया था।

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