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भागलपुर जिले के पीरपैंती प्रखंड में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की समानांतर कमिटी द्वारा *सामाजिक न्याय परिचर्चा कार्यक्रम* का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल संगठन की पुरानी नींव को फिर से मजबूती देना था, बल्कि सामाजिक न्याय की विचारधारा को नए सिरे से जनमानस तक पहुंचाना भी था।

कार्यक्रम की अध्यक्षता समानांतर कमिटी के अध्यक्ष अशोक कुमार यादव ने की, जबकि मंच संचालन विष्णु दयाल यादव ने किया। इस आयोजन में संगठन के पुराने, अनुभवशील एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल हुए, जिन्हें वर्तमान नेतृत्व ने दरकिनार कर दिया है।

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कार्यक्रम में विशेष रूप से पूर्व प्रखंड अध्यक्ष दीपनारायण यादव, जिला परिषद उपाध्यक्ष प्रणव कुमार उर्फ पप्पू यादव, पैक्स अध्यक्ष मुख्तार आलम, राजद के वरिष्ठ नेता अजय कुमार मधुकर, शिवकुमार यादव सहित दर्जनों पुराने राजद कार्यकर्ता मौजूद थे।

बैठक में वक्ताओं ने संगठन की वर्तमान स्थिति को लेकर गहरी चिंता जाहिर की। वक्ताओं ने कहा कि प्रखंड स्तर पर जो वर्तमान नेतृत्व है, वह पारदर्शिता से परे और अवसरवादिता से भरा हुआ है।

राजद नेता शिव जी यादव ने पूर्व विधायक रामविलास पासवान और प्रखंड अध्यक्ष के कार्यशैली पर तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि इन नेताओं की मनमानी और अपारदर्शी कार्यशैली ने पार्टी को दो खंडों में बांट दिया है। उन्होंने मांग की कि तेजस्वी यादव इस बार किसी युवा और ज़मीनी कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनाएं, न कि किसी बूढ़े और थोपे गए चेहरे को।

जिप उपाध्यक्ष प्रणव कुमार उर्फ पप्पू यादव ने कहा, “राजद ही एकमात्र ऐसा दल है जो सचमुच में गरीबों, वंचितों और पिछड़ों की चिंता करता है। आज के इस कार्यक्रम में युवाओं की बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि बदलाव की हवा बह रही है।”

कार्यक्रम में शामिल महिलाओं और युवाओं ने भी कहा कि वे इस बार हर संभव प्रयास करेंगे कि तेजस्वी यादव बिहार के मुख्यमंत्री बनें।

राजद वरिष्ठ नेता अजय कुमार मधुकर और अमृत कुमार ने वर्तमान प्रखंड अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे संगठन को कमजोर करने में लगे हैं। उनके अनुसार, यह नेता हमेशा चोरी-छुपे पद हासिल करता है और कार्यकर्ताओं की मेहनत और अधिकार को नजरअंदाज करता है।

कार्यक्रम में सामाजिक न्याय पर बल देते हुए अध्यक्ष अशोक कुमार यादव ने कहा, “राजद ने हमेशा पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और वंचित वर्गों की आवाज बुलंद की है। हमारे लिए सामाजिक न्याय केवल एक नारा नहीं, बल्कि यह हमारी राजनीतिक चेतना और संघर्ष का मूल है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह परिचर्चा महज औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह सामाजिक बदलाव और समरसता की चेतना को जन-जन तक पहुंचाने का एक मजबूत मंच है।”

पैक्स अध्यक्ष मुख्तार आलम ने जोर देकर कहा कि सामाजिक न्याय की बात सिर्फ भाषणों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे पंचायत से लेकर संसद तक व्यवहार में उतारना होगा। उन्होंने कहा, “हमें इस लड़ाई को बूथ स्तर से शुरू कर 2025 में तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने तक ले जाना है।”

कार्यक्रम के अंत में सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि संगठन को बूथ स्तर से प्रदेश स्तर तक मजबूत करते हुए वे तेजस्वी यादव को आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

इस आयोजन से यह स्पष्ट संकेत गया कि पीरपैंती में राजद की अंदरूनी राजनीति में बदलाव की बयार बह रही है, जहां संगठन के उपेक्षित चेहरे अब खुलकर नेतृत्व और सामाजिक न्याय के लिए अपनी भूमिका निभाने को तैयार हैं।

कार्यक्रम में सामाजिक न्याय, संगठन की मजबूती और नेतृत्व परिवर्तन की मांग प्रमुख बिंदु रहे। इस विचार विमर्श ने स्थानीय राजनीति में एक नई ऊर्जा का संचार कर दिया है, जो आने वाले चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।

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