बिहार चुनाव पर राजद और कांग्रेस की पहली औपचारिक बैठक मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई। तय हुआ कि बिहार विधानसभा का चुनाव कांग्रेस-राजद साथ लड़ेंगे। हालांकि, दोनों दलों के बीच सबसे बड़ा पेच सीटों की दावेदारी है। कांग्रेस 70 सीटों पर अड़ी है जबकि राजद इतनी सीटें कांग्रेस के खाते में डालने को सहमत नहीं है।
घंटेभर की बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि बातचीत बहुत सकारात्मक रही। अगली बैठक 17 को पटना में इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों की होगी। मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कोई चिंता का विषय नहीं है।
चार महीने से कांग्रेस ने अपनी सक्रियता बढ़ाई
पिछले चार महीने से कांग्रेस ने बिहार में अपनी सक्रियता बढ़ाई है। प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और सांगठिनक जिलों के अध्यक्ष बदले, तब से राजद और कांग्रेस के बीच कोई औपचारिक बैठक बिहार चुनाव पर नहीं हुई थी। राहुल गांधी पिछले चार महीने में तीन बार बिहार आए। इन दौरों में पहली बार वह लालू-राबड़ी आवास पर गए और तीसरी बार एक होटल में तेजस्वी यादव के साथ दोपहर का खाना खाया।
इस बीच कांग्रेस ने संदेश दिया कि बिहार चुनाव के चेहरा पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। यह बात कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू और राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने भी कही। हां, इतना सबने कहा कि कांग्रेस इंडिया गठबंधन में ही बिहार का चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के बिहार चुनाव व चेहरे पर नए स्टैंड को एनडीए नेताओं ने इंडिया गठबंधन में खींचतान और मतभेद करार दिया ।
दरअसल राजद और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर खींचतान है। 2020 के चुनाव में कांग्रेस 70 सीटों पर लड़ी और उसे 19 सीटों पर ही जीत मिली। तेजस्वी सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं कि कांग्रेस इतनी सीटों पर नहीं लड़ती तो महागठबंधन की सरकार बननी तय थी। कांग्रेस का स्ट्राइक रेट बहुत खराब रहा, इसलिए हमारी सरकार नहीं बनी। राजद चाहता है कि कांग्रेस 40-50 सीटों पर लड़े, लेकिन कांग्रेस 2020 की तरह 70 सीटों पर अड़ी है। यह गुत्थी सुलझने के बाद ही कांग्रेस बिहार चुनाव का चेहरा घोषित करने पर सहमत होगी। बिहार प्रभारी अल्लावारू और प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार ने बैठक के बाद कहा भी कि हम एक-एक कर सभी पहलुओं पर अलग-अलग बैठक कर फैसला करेंगे।