चुनावी सरगर्मी के बीच सहरसा में रविवार को पान चौपाल के नेता एवं इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आईपी गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा बयान देकर राजनीतिक हलचल तेज कर दी। उन्होंने कहा कि वे न तो सांसद बनने की दौड़ में हैं और न ही विधायक बनने की चाह रखते हैं। उनका उद्देश्य केवल एक है — पान समाज को उसका हक और आरक्षण दिलाना।
आईपी गुप्ता ने कहा कि 78 वर्षों से 40 से 45 लाख की आबादी वाले पान समाज को किसी भी राजनीतिक दल ने अब तक प्रतिनिधित्व का अवसर नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि बिहार में चाहे कोई भी दल सत्ता में रहा हो, पान समाज को हमेशा हाशिये पर रखा गया। लेकिन अब यह समाज चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने दो टूक कहा कि जो भी दल पान समाज को आरक्षण देगा, वही उनका समर्थन पाएगा।
उन्होंने कहा, “हम न तो एमपी बनने की दौड़ में हैं, न एमएलए बनने की चाह रखते हैं। अगर इंडिया गठबंधन पान समाज को आरक्षण देने का निर्णय लेती है, तो हमारा कोई शर्त नहीं रहेगा, हम झोला उठाकर गांव चले जाएंगे।” गुप्ता ने कहा कि अब पान समाज अपनी ताकत पहचान चुका है और “इंकलाब यात्रा” का उद्देश्य इसी जागरूकता को पूरे राज्य में फैलाना है।
गुप्ता ने बताया कि सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा क्षेत्र में पान समाज की आबादी लगभग 52 हजार है, जबकि सहरसा विधानसभा में यह संख्या 65 हजार से अधिक है। बिहार के हर विधानसभा क्षेत्र में 40 हजार से ज्यादा पान समाज के वोटर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि अगर यह समाज एकजुट हो जाए तो सत्ता की कुर्सी हिल सकती है।
उन्होंने आगे कहा कि पान समाज के बिना बिहार में कोई भी मुख्यमंत्री, सांसद या विधायक नहीं बन सकता। गुप्ता ने कहा कि अब यह समाज अपनी राजनीतिक पहचान बनाने के लिए तैयार है। “इंकलाब यात्रा” के माध्यम से पूरे बिहार में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है, ताकि पान समाज की वास्तविक स्थिति और उसकी मांगों को सरकार तक पहुंचाया जा सके।
गुप्ता ने कहा कि यह समाज न तो किसी दल का गुलाम है और न किसी जातीय समीकरण का हिस्सा। अब पान समाज अपनी दिशा खुद तय करेगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई दल इस समाज को आरक्षण देने का वादा करता है और उस पर अमल करता है, तो वही दल उनका समर्थन प्राप्त करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले चुनाव में पान समाज निर्णायक भूमिका निभाएगा और राजनीतिक दलों को अपनी ताकत का एहसास करा देगा।
अंत में आईपी गुप्ता ने कहा कि पान समाज की यह आवाज अब थमने वाली नहीं है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जब यह समाज एकजुट होकर सड़कों पर उतरता है, तो राजनीतिक सुनामी आ जाती है, और अब वह समय दूर नहीं जब सत्ता के गलियारों में “पान समाज जिंदाबाद” के नारे गूंजेंगे।
