वन प्रमंडल जीव जंतुओं को लेकर कई योजनाएं चला रही हैं जिसमें प्रमुखता से पशु पक्षियों को सहेजते हुए उनके रखरखाव एवं उनके नस्ल को सुरक्षित बचाने को लेकर काफी प्रयासरत है और भागलपुर का जगतपुर झील गरूडो का गढ़ माना जाता है जगतपुर के लोग यहां रह रहे गरुड़ से काफी प्यार करते हैं और किसी तरह अगर गरुड़ घायल हो जाए तो उसका इलाज भी करते हैं

और तत्परता से वन विभाग को सूचना भी देते हैं उसी बाबत वन प्रमंडल के द्वारा कुछ साल पहले रेस्क्यू किए गए तीन गरुड़ को इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे गंगा के किनारे छोड़ा गया। इस दौरान पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार सरकार के विशेष सचिव ओम प्रकाश यादव सहित डिस्ट्रिक्ट फारेस्ट ऑफिसर और वन प्रमंडल भागलपुर के कई पदाधिकारियों के सामने गरुड़ को छोड़ा गया। बिहार के भागलपुर का नवगछिया के कदवा में गरुड़ का एकमात्र प्रजनन क्षेत्र है।

जहां काफी संख्या में गरुड़ मौजूद हैं।वही इन्हीं में से यह तीनों गरुड़ पेड़ से गिरकर घायल हो गए थे। जिनका रेस्क्यू वन विभाग के द्वारा किया गया था और इन्हें वन विभाग में रखा गया था। जहां कई सालों तक इनका इलाज किया गया और पूरी तरीके से स्वस्थ होने के बाद आज इन्हें खुले आकाश में छोड़ दिया गया है। वही इस अवसर पर विशेष सचिव ने आम लोगों से अपील की है कि भागलपुर क्षेत्र में इसका प्रजनन केंद्र है, और सिर्फ विभाग ही नहीं आम लोगों को भी इनकी सुरक्षा को लेकर जागरूक होना चाहिए, जिससे गरुड़ की रक्षा की जा सके।

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