भागलपुर के प्रसिद्ध , लोकप्रिय एवं समाजसेवी चिकित्सक डॉ उदय शंकर चौधरी के कर कमलों द्वारा भगवान रंगनाथ मंदिर के प्रांगण में शाम 6:00 बजे संपन्न हुआ । बहन कुमारी अमृता ने ऋग्वेद के मंत्र उच्चारण के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। सभी अतिथियों का परिचय श्री रवि शंकर पांडे जी के द्वारा कराया गया माल्यार्पण का कार्यक्रम श्री नारायण झा जी के द्वारा संपन्न हुआ ।
स्वागत प्रोफेसर राजीव पांडे के द्वारा संपन्न किया गया। मुख्य अतिथियों को अंग वस्त्र 84 बरस की मां श्रीमती स्वर्णलता पांडे के द्वारा प्रदान किया गया बाद में डॉक्टर मनोज कुमार के द्वारा पुस्तक लेखन का उद्देश्य प्रस्तुत किया गया। मुख्य अतिथियों के द्वारा उद्बोधन कार्य भी संपन्न हुआ ।अंत में सिवान से पधारे डॉ आशुतोष कुमार के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ।
बाद में बाद में भगवान रंगनाथ के मंदिर में सभी आगंतुक जनों ने आज निर्जला एकादशी के दिन में प्रसाद ग्रहण भी किया। इस किताब में मुख्य रूप से भगवान रंगनाथ के विग्रह का वर्णन किया गया है जिसमें यह बताया गया है भगवान रंगनाथ का मूल मंदिर श्रीरंगम में स्थापित है जो भगवान शेष शैया पर सोए हुए हैं उसी शैली में भागलपुर के रंगनाथ मंदिर का भी विग्रह है प्राचीन मान्यता है कि भगवान रंगनाथ मंदिर श्रीरंगम की स्थापना ब्रह्मा जी के द्वारा की गई और भगवान रंगनाथ इक्ष्वाकु वंश के कुल गुरु थे।
ऐसी पुराणों में मान्यता है। इस मंदिर से वैष्णव आचार्य रामानुजाचार्य का भी अभिन्न संबंध है। श्री रंगनाथ मंदिर की स्थापना गंगा दशहरा के दिन वर्ष 1953 में की गई थी।