बिहार के सहरसा तिवारी टोला स्थित समाजसेवी कुमार अमरज्योति के आवासीय परिसर में अमर ज्योति प्रिंटिंग प्रेस के प्रांगण में आयोजित श्रीराम कथा के पांचवे दिन शनिवार को प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव का भव्य आयोजन श्रद्धा और भक्ति भाव से किया गया। कथा का आयोजन विगत दिनों से चल रहा है, जिसमें प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग ले रहे हैं और श्रीराम के जीवन चरित्र से प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं।
शनिवार को कथा के पांचवे दिन वृंदावन धाम से पधारे सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य डॉ. नवनीत भैया जी महाराज ने श्रीराम जन्मोत्सव का अलौकिक वर्णन करते हुए भगवान श्रीराम की बाललीलाओं का जीवंत बखान किया। कथा स्थल पर भक्ति, श्रद्धा और उत्सव का समां बंधा रहा। भक्तों ने कथा के हर पल में प्रभु श्रीराम की बाल सुलभ लीलाओं में स्वयं को भावविभोर पाया।
श्रीराम का जन्म और बाललीला का अद्भुत वर्णन
कथावाचक डॉ. नवनीत भैया जी ने भगवान श्रीराम के जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि त्रेतायुग में जब पृथ्वी पर अधर्म, अत्याचार और राक्षसी प्रवृत्तियों का प्रकोप बढ़ गया था, तब भगवान विष्णु ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के रूप में धरती पर अवतार लिया। श्रीराम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और रानी कौशल्या के घर हुआ। जन्म लेते ही उनका रूप इतना मोहक था कि कोई भी उन्हें देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता था।
कथा के दौरान उन्होंने बालराम की एक विशेष लीला का उल्लेख किया, जिसमें माता कौशल्या ने भगवान राम को झूले में सुला कर स्नान करने चली गईं। पूजा समाप्त कर जब वह लौटीं तो देखा कि पूजा स्थल पर श्रीराम नैवेद्य ग्रहण कर रहे हैं, जबकि झूले पर भी श्रीराम सो रहे हैं। कौशल्या माता ने कई बार देखा और वह भयभीत हो गईं। तब भगवान श्रीराम ने उन्हें अपना विराट रूप दिखाया और कहा कि उनके प्रत्येक रोम में अनंत ब्रह्मांड बसे हुए हैं। यह दृश्य देखकर माता कौशल्या अभिभूत हो गईं और उन्होंने प्रभु के चरणों में अपना शीश नवाया।
भक्तों की उमड़ी भारी भीड़
राम कथा सुनने के लिए क्षेत्र के कोने-कोने से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। भक्ति रस में सराबोर वातावरण में श्रद्धालु भगवान की लीलाओं का रसपान करते रहे। कथा पंडाल में बैठने की व्यवस्था, प्रसाद वितरण तथा अन्य आवश्यक प्रबंधों को भलीभांति निभाया गया। राम कथा सुनने वालों ने कहा कि ऐसे आयोजन से जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता आती है। भजन मंडली द्वारा प्रस्तुत किए गए भक्ति गीतों और भजनों ने भक्तों को आनंद की अनुभूति कराई।
भजन-कीर्तन में रम गया माहौल
राम कथा के क्रम में जैसे ही गायक मंडली ने “राम लला की जय” और “झूला झूले राम लला” जैसे भजनों का संगीतमय गायन प्रारंभ किया, पंडाल भक्ति रस में सराबोर हो गया। श्रद्धालु झूमने लगे और वातावरण पूरी तरह राममय हो गया। लोगों ने भजन गायन के साथ भगवान श्रीराम की स्तुति करते हुए नृत्य भी किया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी ने इस आयोजन में गहरी आस्था और आनंद की अनुभूति की।
उल्लेखनीय उपस्थिति और सहभागिता
श्रीराम कथा के मुख्य यजमान के रूप में शंकुतला देवी एवं जवाहर चौधरी उपस्थित थे। इनके साथ-साथ क्षेत्र के गणमान्य नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और समाजसेवियों ने भी अपनी भागीदारी दी। कार्यक्रम में माधव चौधरी, विजय गुप्ता, पिंटू तिवारी, आशीष सिंह (वार्ड पार्षद), बबलू चौधरी, बलराम जायसवाल, संजय चौधरी, शिकू आनंद, रणजीत झा, नन्हे सिंह, प्रशांत सिंह, मनीष चौपाल, गुंजा जायसवाल, कनक जायसवाल, रेणु पांडेय, वैश्णवी, रिचा सोनी जायसवाल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे।
राम कथा का महत्व और उद्देश्य
कथावाचक ने रामकथा के महत्व को बताते हुए कहा कि राम कथा न केवल भगवान श्रीराम के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाती है, बल्कि मानव जीवन को संयम, कर्तव्य और मर्यादा का मार्ग भी दिखाती है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति श्रद्धा और प्रेम से राम कथा सुनता है, उसके जीवन की समस्त पीड़ाएं समाप्त हो जाती हैं, और उसे सुख, समृद्धि तथा मानसिक शांति प्राप्त होती है।
तिवारी टोला में आयोजित इस श्रीराम कथा के माध्यम से न केवल धर्म और संस्कृति का प्रचार हुआ, बल्कि समाज को एकता, भाईचारे और आत्मिक शुद्धता का संदेश भी मिला। समाजसेवी कुमार अमरज्योति द्वारा आयोजित यह आयोजन धार्मिक चेतना को जागृत करने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है। कथा का अगला दिवस और भी उल्लासमय और प्रेरक रहेगा, ऐसी आशा भक्तजनों द्वारा की जा रही है। आयोजकों ने सभी श्रद्धालुओं से आगामी दिनों में भी कथा श्रवण करने और पुण्य लाभ प्राप्त करने की अपील की है।