भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जदयू ने प्रधानमंत्री बनने का सपना लेकर 2022 में दूसरी बार भाजपा से नाता तोड़ा था। पटना में पोस्टर भी लगवाए।
लेकिन विपक्षी गठबंधन की बैठक में किसी ने जदयू नेता को संयोजक बनाने का प्रस्ताव पारित नहीं किया।
कहा कि जदयू को न माया मिली, न राम। जदयू नेता खाली हाथ पटना लौटेंगे।
इससे जदयू के लिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बनाये रखना मुश्किल होगा।
उन्होंने दावा किया कि इससे जदयू में भगदड़ मच सकती है। विपक्षी गठबंधन ने साल भर का समय बर्बाद किया। वे कुछ भी तय नहीं कर पाये।
ममता बनर्जी और केजरीवाल ने संयोजक-पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सुझाया जिसे स्वीकार नहीं किया गया।