सहरसा जिले में आज पल्स पोलियो अभियान की विधिवत शुरुआत कर दी गई है। जिले को पोलियो मुक्त बनाए रखने और बच्चों को इस गंभीर बीमारी से सुरक्षित रखने के उद्देश्य से यह अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के तहत शून्य से पांच वर्ष तक के लगभग चार लाख बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिला स्वास्थ्य विभाग ने इसे सफल बनाने के लिए व्यापक और सुदृढ़ तैयारियां की हैं।
अभियान के दौरान बच्चों तक पोलियो की दवा पहुंचाने के लिए तीन तरह की टीमों का गठन किया गया है। पहली श्रेणी की टीमें घर-घर जाकर बच्चों को दवा पिलाएंगी। इसके लिए जिले भर में कुल 809 घर-घर भ्रमण करने वाली टीमें तैनात की गई हैं। इन टीमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी बच्चा पोलियो की खुराक से वंचित न रह जाए।
दूसरी श्रेणी की टीमें ट्रांजिट ड्यूटी पर लगाई गई हैं। ये टीमें बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, चौक-चौराहों और अन्य भीड़भाड़ वाले स्थानों पर तैनात रहेंगी। ट्रांजिट ड्यूटी के लिए कुल 96 टीमें बनाई गई हैं, ताकि यात्रा के दौरान आने-जाने वाले बच्चों को भी पोलियो की दवा समय पर पिलाई जा सके।
वहीं तीसरी श्रेणी की टीमें सुदूर और कठिन क्षेत्रों में काम करेंगी। इनमें ईंट-भट्टों, निर्माण स्थलों और दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों को कवर किया जाएगा। इसके लिए भी 96 विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो ऐसे क्षेत्रों में जाकर बच्चों को दवा पिलाने का कार्य करेंगी।
इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाएं सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। सभी टीमें पूरी तत्परता के साथ मैदान में उतर चुकी हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को पोलियो की खुराक अवश्य पिलाएं और इस राष्ट्रीय अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें, ताकि सहरसा जिला हमेशा पोलियो मुक्त बना रहे।
