नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित 17वें राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के जगदीशपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की विशेष रूप से प्रशंसा की। उन्होंने अपने भाषण में बताया कि पहले इस क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की प्रथम तिमाही प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) का स्तर केवल 25 प्रतिशत था, जो अब 90 प्रतिशत से अधिक हो गया है। प्रधानमंत्री के इस संबोधन का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में जागरूकता तथा गर्व की भावना उत्पन्न हो रही है।
बक्सर जिले के जिलाधिकारी डॉ. नवल किशोर चौधरी ने जानकारी दी कि जून 2024 के बाद से जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए विशेष अभियान चलाया गया। इस अभियान में टीकाकरण से लेकर एएनसी तक की सेवाओं में गुणवत्ता और पहुँच को बेहतर बनाने के लिए विशेष प्रयास किए गए। सिविल सर्जन डॉ. अशोक प्रसाद तथा जगदीशपुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि वे आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, आकांक्षी टीम और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से एक सशक्त अभियान चलाएं।
अभियान के तहत न केवल घर-घर जाकर महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के लिए जागरूक किया गया, बल्कि स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा नियमित रूप से फॉलो-अप और दैनिक रिव्यू भी किया गया। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी गर्भवती महिला प्राथमिक जाँच से वंचित न रह जाए। इसका प्रत्यक्ष परिणाम यह रहा कि जगदीशपुर सीएचसी क्षेत्र में एएनसी और टीकाकरण का स्तर तेजी से बढ़ा और 90 प्रतिशत से अधिक पहुँच गया।
बीडीओ रघुनंदन आनंद ने इस अभूतपूर्व उपलब्धि के पीछे टीम भावना, निरंतर प्रयास और निगरानी व्यवस्था को महत्वपूर्ण कारक बताया। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने स्तर से भरसक मेहनत की और महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
प्रधानमंत्री द्वारा की गई इस प्रशंसा से जगदीशपुर के स्वास्थ्यकर्मियों को नई ऊर्जा और प्रेरणा मिली है। यह पहल देश के अन्य क्षेत्रों के लिए भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन सकती है कि किस तरह सरकारी प्रयास, जमीनी स्तर की मेहनत और सतत निगरानी के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।