सहरसा जिले के चिरैया थाना क्षेत्र में 4 अक्टूबर को एक दुखद घटना सामने आई। वार्ड संख्या 14 निवासी 58 वर्षीय राजपति चौधरी की आंधी-तूफान की चपेट में आने से मौत हो गई। मृतक स्व. सिको चौधरी के पुत्र और सामर कला गांव के निवासी थे। वे महर्षि मेही बाबा के पुजारी के रूप में सेवा करते थे।

 

जानकारी के अनुसार, राजपति चौधरी 4 अक्टूबर को धमहरा गांव स्थित धरबीन साह के यहां बरखी के अवसर पर आयोजित संत संग कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। शाम करीब 4 बजे अचानक तेज आंधी और तूफान आया, जिससे वे गंभीर रूप से प्रभावित हुए और वहीं उनकी मृत्यु हो गई।

 

मृतक के पुत्र अरविंद चौधरी ने बताया कि उनके पिता बरखी के अवसर पर संत संग में शामिल होने गए थे। परिवार में पांच पुत्र और एक पुत्री हैं। राजपति चौधरी अपने गांव और आसपास के लोगों में धार्मिक और समाजिक रूप से सम्मानित व्यक्ति थे। उनकी मौत से परिवार और गांव में शोक की लहर फैल गई है।

 

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि अचानक आए इस तूफान ने लोगों को भयभीत कर दिया। कई लोग सुरक्षित स्थानों की ओर भागे, लेकिन राजपति चौधरी इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए। उनकी मौत ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया है।

 

चिरैया थाना पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंचकर आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है और मामले की सभी पहलुओं से जांच की जा रही है।

 

गांववाले और परिवारजन मृतक की याद में श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए आवश्यक उपाय किए जाएँ, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके।

 

राजपति चौधरी की मौत ने इलाके में शोक और चिंता दोनों फैला दी है। ग्रामीणों ने कहा कि वे हमेशा अपने धार्मिक और सामाजिक कर्तव्यों में तत्पर रहते थे। उनके निधन से स्थानीय समुदाय और परिवार को अपूरणीय क्षति हुई है।

 

स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने मृतक के परिवार को सांत्वना दी है और उनके पुनर्वास और सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यह घटना इस बात का सबक भी है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय सतर्कता और सुरक्षा के उपाय कितने महत्वपूर्ण हैं।

 

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