जन सुराज के सूत्रधार और रणनीतिकार प्रशांत किशोर सोमवार को दिवाली के मौके पर भोजपुर जिले के जवानियां गांव पहुंचे। बाढ़ से प्रभावित इस गांव के करीब 700 लोग आज भी बांध के किनारे जीवन यापन कर रहे हैं। प्रशांत किशोर ने दोपहर से शाम तक गांव के पास शरण लिए लोगों से मुलाकात की और उनके हालात देखे।

 

प्रशांत किशोर ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “आज यह लोग किसी तरह जीवन बिता रहे हैं। सरकार ने इनको भूल दिया है। हम यहां यह दिखाने आए हैं कि हमारे ही बीच के लोग किस कठिनाई में जी रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल वह इनकी मदद सीधे नहीं कर सकते, लेकिन जनता को यह संदेश देना चाहते हैं कि यदि सरकार ने इनकी चिंता नहीं की, तो कल किसी और के साथ भी यही हो सकता है।

 

उन्होंने बिहारवासियों से अपील करते हुए कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में ऐसे लोगों को याद रखते हुए निर्णय लें और संवेदनाहीन सरकार को हटाकर नई व्यवस्था बनाएं। प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि जनता के वोट से ही सरकार की संवेदनशीलता बदलेगी। जैसे बिहार में पेंशन और मानदेय बढ़ाए गए, वैसे ही नई सरकार आने पर जवानियां गांव को पुनर्वास के लिए संसाधन उपलब्ध कराएगी।

 

इस दौरान प्रशांत किशोर ने दिवाली के अवसर पर गांववासियों के संघर्ष में लोगों की सहानुभूति और सहयोग की अपील भी की। उन्होंने कहा कि इस संकट में उनके साथ खड़े होना ही समाज की असली खुशी है।

 

गांव के लोग भी इस मौके पर अपने हालात बयां करते दिखे और प्रशांत किशोर की मौजूदगी से थोड़ा मनोबल बढ़ा। उनके इस दौरे को जन सुराज ने ग्रामीणों के हालात की संवेदनशीलता को उजागर करने वाला कदम बताया है।

 

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