बिहार की राजनीति में सक्रिय जनस्वराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर आज अपनी *उद्घोष यात्रा* के तहत भागलपुर पहुंचे। सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने बिहार सरकार द्वारा कराई गई जातिगत जनगणना पर गंभीर सवाल उठाए।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जनस्वराज पार्टी जातिगत जनगणना का पूर्ण समर्थन करती है और वह तीन साल पहले भी यह बात स्पष्ट कर चुके हैं। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी कहा था कि जातिगत जनगणना जरूरी है। इससे समाज को कोई नुकसान नहीं, बल्कि फायदा ही होगा।”
प्रशांत किशोर
हालांकि, उन्होंने बिहार सरकार की ओर से कराई गई जातिगत जनगणना को अधूरी और अपारदर्शी बताया। उन्होंने कहा, “जिस तरीके से यह जनगणना कराई गई है, उससे समाज की सही स्थिति सामने नहीं आ पाएगी। न आंकड़ों की पारदर्शिता है और न ही प्रक्रिया में निष्पक्षता दिखती है।”
उन्होंने आगे कहा कि एक लोकतांत्रिक समाज में जब सरकार कोई बड़ा कदम उठाती है, तो उसका उद्देश्य और प्रक्रिया दोनों स्पष्ट होने चाहिए। लेकिन बिहार सरकार इस कसौटी पर खरी नहीं उतरी है।
प्रशांत किशोर की इस टिप्पणी के बाद बिहार की राजनीति में जातिगत जनगणना को लेकर नई बहस शुरू हो सकती है। उनकी यात्रा और बयानों को आने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
प्रशांत किशोर की उद्घोष यात्रा राज्यभर में जनसंपर्क और संवाद के ज़रिए जनस्वराज पार्टी को मजबूत करने का प्रयास है।