बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (PK) पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है। यह मामला वैशाली जिले के राघोपुर थाना में अंचलाधिकारी (सीओ) के आवेदन पर दर्ज हुआ है। शनिवार को प्रशांत किशोर तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर पहुंचे थे, जहां उन्होंने जनता से संवाद किया। इसी कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने कार्रवाई की है।
सूत्रों के अनुसार, राघोपुर क्षेत्र में जनसंवाद के दौरान प्रशांत किशोर ने बिना अनुमति जनसभा जैसी गतिविधियां कीं। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के बाद किसी भी राजनीतिक गतिविधि या प्रचारात्मक कार्यक्रम के लिए पूर्व अनुमति अनिवार्य होती है। अंचलाधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कराते हुए आरोप लगाया कि किशोर ने चुनाव आयोग के निर्देशों का उल्लंघन किया है। इस आधार पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
प्रशांत किशोर ने अपने दौरे के दौरान ग्रामीणों से शिक्षा, सड़क और बुनियादी सुविधाओं की स्थिति पर चर्चा की। ग्रामीणों ने शिकायत की कि उनके क्षेत्र में विकास कार्य ठप हैं। कई ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें अपने विधायक तेजस्वी यादव से मिलने तक में कठिनाई होती है। किशोर ने मौके पर कहा, *“आपका विधायक दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुका है, लेकिन क्या उसने आपकी समस्याएं सुनीं? अगर नहीं, तो इस बार बदलाव के बारे में सोचिए।”*
राघोपुर रवाना होने से पहले पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए किशोर ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, *“सुनने में आ रहा है कि तेजस्वी यादव इस बार दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं। अगर उन्हें डर लग रहा है, तो दो जगह से लड़ लें। लेकिन राघोपुर में उनका हाल 2019 में राहुल गांधी जैसा होगा, जब वे दो सीटों से लड़े थे और अमेठी हार गए थे।”*
उन्होंने आगे कहा कि बिहार की जनता अब विकास चाहती है, न कि वादों और जातीय समीकरणों की राजनीति। किशोर ने दावा किया कि उनकी जनसुराज यात्रा जनता की आवाज़ उठाने और नए विकल्प देने की दिशा में काम कर रही है।
गौरतलब है कि राघोपुर विधानसभा सीट तेजस्वी यादव का परंपरागत गढ़ मानी जाती है। वे यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं और लालू प्रसाद यादव के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में इस क्षेत्र में मजबूत पकड़ रखते हैं। प्रशांत किशोर द्वारा राघोपुर में सक्रियता दिखाना राजनीतिक रूप से अहम माना जा रहा है।
प्रशासनिक सूत्रों का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। उधर, जनसुराज कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रशांत किशोर ने किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया, बल्कि जनता से मिलने का कार्यक्रम पहले से तय था और यह किसी राजनीतिक रैली के स्वरूप में नहीं था।
बहरहाल, चुनावी माहौल में इस कार्रवाई ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। अब देखना यह होगा कि प्रशांत किशोर इस मामले में क्या जवाब देते हैं और क्या चुनाव आयोग इस पर कोई सख्त कदम उठाता है।
