अंतरराष्ट्रीयअंतरराष्ट्रीय

सहरसा, बिहार: बिहार के सहरसा जिले की होनहार बेटी प्रांशी मंडाना ने अपनी नृत्य प्रतिभा से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश और जिले का नाम रोशन किया है। प्रांशी ने एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय डांस प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) हासिल किया और साथ ही “फर्स्ट रनर-अप” का खिताब भी अपने नाम किया। यह उपलब्धि न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे सहरसा जिले और बिहार राज्य के लिए एक असाधारण गर्व का क्षण है। प्रांशी की यह जीत उनकी कड़ी मेहनत, लगन और अटूट समर्पण का प्रमाण है।

अंतरराष्ट्रीय

एक छोटे शहर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक का सफर
प्रांशी मंडाना सहरसा की एक सामान्य परिवार से आती हैं। उनकी नृत्य यात्रा की शुरुआत सहरसा की ही एक स्थानीय संस्था स्ट्रीट डांस एकेडमी से हुई। यहीं से उन्होंने नृत्य की बारीकियां सीखीं और अपने कौशल को निखारा। एकेडमी में प्रशिक्षण के दौरान ही प्रांशी ने अपनी असाधारण प्रतिभा और सीखने की तीव्र इच्छा का प्रदर्शन किया। उनके गुरु और स्ट्रीट डांस एकेडमी के निर्देशक नवीन सिंह राजपूत ने उनकी क्षमता को पहचाना और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन दिया।


प्रांशी ने अपनी मेहनत और नवीन सिंह राजपूत के मार्गदर्शन में लगातार प्रगति की। उनकी पहली बड़ी सफलता जिला स्तरीय डांस प्रतियोगिता में मिली, जहाँ उन्होंने अपनी प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और गोल्ड मेडल जीता। यह उनकी नृत्य यात्रा का पहला महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने उनके आत्मविश्वास को और भी बढ़ाया।


जिला स्तर पर मिली सफलता के बाद प्रांशी ने राज्य स्तर पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। जमुई में आयोजित राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भी उन्होंने अपनी अद्वितीय नृत्य शैली और प्रभावशाली प्रदर्शन से निर्णायकों का दिल जीत लिया, और एक बार फिर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। इन लगातार जीतों ने यह साबित कर दिया कि प्रांशी सिर्फ एक अच्छी नृत्यांगना नहीं, बल्कि एक उभरती हुई स्टार हैं।


राज्य स्तर पर मिली पहचान के बाद प्रांशी का अगला पड़ाव राष्ट्रीय मंच था। उन्होंने गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय डांस प्रतियोगिता में बिहार का प्रतिनिधित्व किया। इस प्रतियोगिता में देश भर के सर्वश्रेष्ठ नर्तकों ने हिस्सा लिया था, लेकिन प्रांशी ने अपनी कला का लोहा मनवाते हुए रजत पदक (सिल्वर मेडल) हासिल किया। राष्ट्रीय स्तर पर यह उपलब्धि प्रांशी के दृढ़ संकल्प और उनकी असाधारण प्रतिभा का स्पष्ट प्रमाण थी।


अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व
इन सभी महत्वपूर्ण पड़ावों को पार करने के बाद, प्रांशी मंडाना का चयन बहुप्रतीक्षित अंतरराष्ट्रीय डांस प्रतियोगिता के लिए हुआ। यह उनके लिए न केवल एक सपना सच होने जैसा था, बल्कि यह पूरे देश और विशेष रूप से बिहार के लिए गर्व का क्षण था। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व करना अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी थी, जिसे प्रांशी ने पूरी ईमानदारी और लगन के साथ निभाया।


अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रांशी ने अपनी बेहतरीन नृत्य कला का प्रदर्शन किया। उनकी प्रस्तुति ने दर्शकों और निर्णायकों दोनों का मन मोह लिया। उनकी ऊर्जा, भाव भंगिमाएं और कदमों का समन्वय अद्वितीय था। अथक प्रयासों और शानदार प्रदर्शन के परिणामस्वरूप प्रांशी ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल हासिल किया। यह एक ऐसा क्षण था जिसने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नृत्यांगना के रूप में स्थापित कर दिया। गोल्ड मेडल के साथ-साथ, उन्हें “फर्स्ट रनर-अप” का प्रतिष्ठित खिताब भी मिला, जो उनकी असाधारण उपलब्धि को और भी खास बनाता है।


इस पूरी यात्रा में, उनके कोरियोग्राफर और स्ट्रीट डांस एकेडमी के निर्देशक नवीन सिंह राजपूत का योगदान अतुलनीय रहा। उन्होंने प्रांशी को न केवल नृत्य की शिक्षा दी, बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी मजबूत बनाया और हर कदम पर उनका मार्गदर्शन किया। नवीन सिंह राजपूत की देखरेख में प्रांशी ने अपनी कमजोरियों पर काम किया और अपनी ताकतों को और मजबूत किया।


परिवार का सहयोग और सहरसा में जश्न का माहौल
प्रांशी के पिता अरुण मंडाना एक व्यवसायी हैं और उनकी माता खुशबू मंडाना एक गृहिणी हैं। प्रांशी की इस सफलता में उनके परिवार का सहयोग सबसे महत्वपूर्ण रहा है। उनके माता-पिता ने हमेशा उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान की। पारिवारिक सहयोग और प्रांशी की कड़ी मेहनत और लगन का ही परिणाम है कि आज वह इस मुकाम तक पहुंच पाई हैं।


प्रांशी की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर पूरे सहरसा जिले में खुशी और उत्साह का माहौल है। लोग प्रांशी और उनके परिवार को बधाई दे रहे हैं। यह जीत सहरसा जैसे छोटे शहर के युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से कोई भी सपना हासिल किया जा सकता है, चाहे चुनौतियां कितनी भी बड़ी क्यों न हों। प्रांशी मंडाना ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी पहचान या बड़े शहर की मोहताज नहीं होती, यह केवल लगन और अवसर का इंतजार करती है। उनकी यह सफलता निश्चित रूप से भविष्य में कई अन्य युवाओं को नृत्य के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए प्रेरित करेगी।

 

अपना बिहार झारखंड पर और भी खबरें देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें

सहरसा में बड़ी साजिश नाकाम: कार्बाइन और कारतूस के साथ युवक गिरफ्तार, पुलिस की सतर्कता से टली बड़ी वारदात

सहरसा किलकारी बाल भवन में 3 से 22 जून तक रचनात्मक छुट्टियों का आयोजन

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *