मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके पुत्र तथा बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के परस्पर विरोधाभासी बयानों को लेकर बिहार में सियासत गर्म है। नववर्ष पर पहली जनवरी को एक यूट्यूबर से बातचीत में लालू यादव ने महागठबंधन में नीतीश कुमार के लिए दरवाजा खुला होने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि नीतीश कुमार को भी दरवाजा खोल कर रखना चाहिए।
वहीं, गुरुवार को तेजस्वी यादव ने इससे इनकार किया। पिता-पुत्र के बयानों पर एनडीए ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को यह कहकर टाल दिया कि ‘क्या बोलते हैं, छोड़िए न।’ तेजस्वी यादव ने राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह के बाद कहा कि पहले ही बोल चुके हैं। बार-बार इस पर क्या टिप्पणी करनी है। सारी बात तो पहले से ही आ चुकी है। उन्होंने लालू प्रसाद के बयान से जुड़े सवाल पर कहा कि पत्रकार लोग पूछते हैं तो उन्हें ठंडाने के लिए बोल दिए तो क्या हो गया? तेजस्वी यादव ने 30 दिसंबर को सीतामढ़ी की यात्रा के दौरान जदयू-राजद के साथ आने की चर्चाओं को नकारते हुए कहा था कि सीएम के लिए दरवाजे बंद हैं। लालू प्रसाद ने 1 जनवरी को निजी यू-टयूब चैनल से बातचीत में कहा था कि नीतीश कुमार के लिए हमारा दरवाजा खुला हुआ है, उन्हें भी दरवाजा खुला रखना चाहिए।
बोलने की आजादी है, बोलते रहें तेजस्वी ललन सिंह
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को बोलने की आजादी है, बोलते रहें। हमलोग एनडीए में हैं और मजबूती से रहेंगे। यह भी कहा कि लालू जी क्या बोलते हैं, क्या नहीं बोलते हैं, यह उन्हीं से पूछिए। वहीं, जदयू प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिनको दो बार सत्ता से बाहर किया, वह दरखास्त लेकर परेशान हैं ।
लालू यादव की नस-नस को जानते हैं नीतीश कुमार सम्राट चौधरी
राजद नेता लालू प्रसाद की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में आने के न्योता पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद नेता लालू प्रसाद की नस-नस को जानते हैं। वे उनके एक-एक कैरेक्टर को अच्छे से जानते हैं कि कैसे इन लोगों ने बिहार को लूटा है। राजद डरी हुई पार्टी है। राजद के लोग हार से डरे हुए हैं।