कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत अन्य नेताओं के खिलाफ मध्य प्रदेश में एफआईआर दर्ज कराए जाने के बाद सियासत गरमा गई है। सूत्रों का दावा है कि 41 जिलों में केस दर्ज कराए गए हैं।
कांग्रेस नेताओं पर सरकारी ठेकों में 50 फीसदी कमीशन लेने वाले कथित पत्र को सोशल मीडिया पर साझा करने का आरोप है।
एफआईआर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव और कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के नाम शामिल किए गए हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया प्रकोष्ठ अध्यक्ष केके मिश्रा का दावा है कि भाजपा ने 41 एफआईआर दर्ज कराई है। कांग्रेस ने रविवार को मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि यह प्राथमिकी भाजपा सरकार के इशारे पर दर्ज कराई गई है।
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि जब छापे मारे गए तो 280 करोड़ रुपये कहां से निकले, जो लोग गले तक भ्रष्टाचार में डूबे हैं, उन पर कौन भरोसा करेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को केंद्र सरकार पर जनजातीय समुदायों को जंगलों तक सीमित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, आदिवासी की जगह वनवासी कहकर सरकार उन्हें भूखंडों के मूल स्वामित्व से वंचित करने का प्रयास कर रही है। राहुल ने कहा कि आदिवासी ही जमीन के असली मालिक हैं।
राहुल ने वायनाड में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ये बातें कहीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि आदिवासियों को वनवासी कहने का मकसद उनको जंगल तक सीमित रखना है।
इसका मतलब आदिवासी जंगल से संबंध रखते हैं, उन्हें जंगल नहीं छोड़ना चाहिए।
राहुल गांधी ने कहा, यह विचारधारा उनके दल को स्वीकार नहीं है, क्योंकि वनवासी शब्द जनजातीय समुदायों के इतिहास एवं परंपराओं को तोड़-मरोड़कर पेश करता है।
यह देश के साथ उनके रिश्ते पर एक हमला है।
उन्होंने कहा, कांग्रेस के लिए आप आदिवासी हैं, भूमि के मूल मालिक हैं।
उधर, कोझिकोड में मणिपुर हिंसा पर उन्होंने कहा कि इसे तुरंत रोकने की जरूरत है।
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