भोजपुर जिले के पौना थाना क्षेत्र के पवार पंचायत बद्री टोला निवासी और मधेपुरा पुलिस लाइन में पदस्थापित पुलिसकर्मी राजेंद्र प्रसाद यादव की मौत के बाद परिवार व ग्रामीणों में शोक और आक्रोश दोनों व्याप्त है। घटना मंगलवार देर रात की बताई जा रही है, जब राजेंद्र यादव एक केस से संबंधित कार्य के लिए मोतिहारी गए हुए थे और वहीं से लौटने के क्रम में सहरसा रेलवे स्टेशन पर अचानक गश खाकर गिर पड़े। रेलवे स्टेशन पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने तत्काल उन्हें उठाया और इलाज के लिए सहरसा सदर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

 

राजेंद्र यादव के छोटे भाई चितरंजन कुमार यादव ने बताया कि उन्हें अचानक सूचना मिली कि राजेंद्र प्रसाद यादव सहरसा रेलवे स्टेशन पर बेहोश हो गए हैं और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। जब परिवार के लोग अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टरों ने बताया कि उनका देहांत हो चुका है। चितरंजन ने बताया कि “भैया एक केस के सिलसिले में मोतिहारी गए थे। लौटते समय स्टेशन पर ही अचानक गिर पड़े। हमें लगा था कि समय रहते इलाज मिल जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी।”

 

वहीं राजेंद्र यादव के दूसरे भाई सुजीत कुमार सुमन ने अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब वे लोग सदर अस्पताल पहुंचे, तब तक भाई की मौत हो चुकी थी, लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही उसके बाद भी जारी रही। उन्होंने बताया कि “हम लोगों ने एंबुलेंस की मांग की, ताकि शव को पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाया जा सके, पर अस्पताल की ओर से एंबुलेंस देने से साफ इनकार कर दिया गया। मजबूरी में हमलोगों को स्टेचर पर ही शव को घसीटते हुए पोस्टमार्टम रूम तक ले जाना पड़ा। यह बेहद शर्मनाक और अमानवीय स्थिति थी।”

 

सुजीत ने यह भी बताया कि सबसे पहले सूचना उन्हें रेलवे विभाग के जीआरपी द्वारा दी गई थी। जीआरपी ने फोन कर कहा कि राजेंद्र यादव स्टेशन पर गिर पड़े हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा जा रहा है। लेकिन अस्पताल पहुंचने पर परिजनों को पता चला कि उनकी मृत्यु हो चुकी है। वर्तमान में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया जारी है, जिसके बाद ही मौत के सटीक कारणों का खुलासा हो सकेगा।

 

परिजनों का कहना है कि राजेंद्र प्रसाद यादव स्वस्थ और सक्रिय थे, इसलिए अचानक हुई मौत ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है। परिवार ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। इधर, उनके गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और लोग उनके अचानक चले जाने से स्तब्ध हैं। पुलिस विभाग में भी सहकर्मी उनकी मृत्यु से आहत हैं।

 

अब सबकी निगाहें पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे साफ हो सकेगा कि आखिर राजेंद्र प्रसाद यादव की मौत किस कारण से हुई — स्वास्थ्य समस्या, थकावट, या किसी अन्य चिकित्सा आपात स्थिति के कारण। फिलहाल परिवार न्याय और उचित जांच की मांग कर रहा है।

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