रूस और यूक्रेन के बीच भीषण जंग के बीच पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने युद्ध रुकवाने के लिए सोमवार को बड़ी कोशिश की. उन्होंने रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से फोन पर अलग-अलग बात करके युद्ध रोकने की अपील की.

सूत्रों के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से करीब 50 मिनट बातचीत हुई. बातचीत के दौरान रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधान मंत्री मोदी को यूक्रेनी और रूसी टीमों के बीच वार्ता की स्थिति की जानकारी दी. पिछले 2 सप्ताह में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी टेलीफोन कॉल थी. दोनों ने पहली टेलीफोनिक चैट 24 फरवरी को की थी, जिस दिन रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण शुरू किया था.

इस दौरान पीएम मोदी (Narendra Modi) ने पुतिन (Vladimir Putin) से आग्रह किया कि वे संकट का हल निकालने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) से सीधी बातचीत के लिए तैयार हों. दोनों पक्षों के विवाद वाले मुद्दों पर सीधी बातचीत की जाए, जिससे आपसी भरोसा बहाल हो और युद्ध खत्म करने का रास्ता निकल सके. पीएम मोदी ने सूमी समेत यूक्रेन के कई हिस्सों में युद्ध विराम और मानवीय गलियारा बनाने की घोषणा पर पुतिन की सराहना भी की.
रूसी राष्ट्रपति से बातचीत के दौरान पीएम मोदी (Narendra Modi) ने सूमी से भारतीय नागरिकों को जल्द निकलवाने में उनकी मदद मांगी. वहां पर भारत के करीब 500 छात्र फंसे हुए हैं. पुतिन (Vladimir Putin) ने आश्वासन दिया कि भारतीय नागरिकों की निकासी में रूस पूरा सहयोग करेगा. यूक्रेन के राष्ट्रपति से पुतिन की सीधी बातचीत का भारत का यह प्रस्ताव तब सामने आया है, जब पिछले हफ्ते यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने पीएम मोदी से आग्रह किया था कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को युद्ध रोकने के लिए राजी करें.

भारत ने युद्धग्रस्त देश से अपने नागरिकों को निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा शुरू किया है, जो यूक्रेन की सीमा पार करके पोलैंड, स्लोवाकिया, हंगरी, रोमानिया और मोल्दोवा जैसे पड़ोसी देशों में पहुंचे भारतीय नागरिकों को लेकर वापस आ रहा है. ऑपरेशन गंगा के तहत कुल मिलाकर 21000 से अधिक भारतीय यूक्रेन से बाहर आए. इनमें से 199220 भारतीय पहले ही भारत पहुंच चुके हैं.