*गोपालगंज।*
बिहार की सियासत में इन दिनों बयानबाजी का दौर तेज़ हो गया है। जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल द्वारा लगाए गए आरोपों पर करारा पलटवार किया है। बैकुंठपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए PK ने न सिर्फ अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया, बल्कि जायसवाल को खुली चुनौती भी दे डाली।

PK ने कहा कि, “दिलीप जायसवाल और उनके आकाओं को सोशल मीडिया का ज्ञान हमने ही दिया है। ये लोग आज सोशल मीडिया पर बातें कर रहे हैं, लेकिन जब हम उन्हें इसका महत्व समझा रहे थे, तब ये इसे हल्के में लेते थे। अगर मैं झूठ बोल रहा हूं, तो वे मेरी जांच करवा लें। बिहार और दिल्ली दोनों जगह इनकी सरकारें हैं, जांच कराना इनके लिए मुश्किल नहीं है।”
उन्होंने कहा कि भाजपा जिन आरोपों का जिक्र कर रही है, उसमें कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस फेसबुक ग्रुप की बात भाजपा कर रही है, वह 2016 से सक्रिय है और उसे भाजपा के ही दो कार्यकर्ता चला रहे हैं। “उस ग्रुप में कोई भी पोस्ट कर सकता है, यह ओपन फोरम है। यह समझना इनकी नासमझी है कि हर पोस्ट की जिम्मेदारी मेरी या जन सुराज की है,” PK ने तीखे अंदाज में कहा।
PK ने आगे कहा, “यदि दिलीप जायसवाल अपने लगाए गए आरोपों को सही साबित कर दें, तो मैं आजीवन राजनीति से संन्यास ले लूंगा। लेकिन अगर उनके आरोप झूठे साबित हुए, तो उन्हें बिहार की जनता, विशेषकर युवाओं से माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि झूठ फैलाकर वे राजनीति की साख को गिरा रहे हैं।”
प्रशांत किशोर ने दिलीप जायसवाल पर निजी स्तर पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “ये लोग बस संपत्तियां हड़पना जानते हैं। इन्होंने सीमांचल में एक अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज को कब्जा लिया है। अगर इनकी नीयत साफ है, तो उस मेडिकल कॉलेज की भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। यह जनता का पैसा और हक़ है, उस पर राजनीति या कब्जा किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
PK ने भाजपा की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा आज जिस सोशल मीडिया के माध्यम से चुनाव जीतने और लोगों तक पहुंचने की बात करती है, उसी सोशल मीडिया की बुनियाद हमने रखी थी। “2014 में भाजपा का डिजिटल अभियान हमारे ही सुझावों और काम की नींव पर खड़ा हुआ। उस समय इनके बड़े-बड़े नेता भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से अनजान थे,” उन्होंने कहा।
जन सुराज के नेता ने यह भी कहा कि भाजपा जनता का ध्यान असल मुद्दों से भटकाने के लिए इस तरह के निराधार आरोपों का सहारा ले रही है। “बिहार की जनता अब समझदार हो चुकी है। उन्हें पता है कि किसने उनके लिए काम किया और कौन सिर्फ कुर्सी की राजनीति करता रहा,” उन्होंने कहा।
PK ने बिहार की युवाओं से अपील करते हुए कहा कि “अब समय आ गया है कि झूठे वादों और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों से ऊपर उठकर हम एक नई सोच और बेहतर नेतृत्व की ओर बढ़ें। मेरी राजनीति किसी पद या सत्ता के लिए नहीं, बल्कि जनता के हक़ और सम्मान के लिए है।”
अंत में, प्रशांत किशोर ने कहा कि वह किसी भी जांच का सामना करने को तैयार हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि सीमांचल में हड़पे गए मेडिकल कॉलेज जैसे मामलों की भी पूरी पड़ताल होनी चाहिए ताकि असली दोषियों को सामने लाया जा सके।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में और भी गरमाहट देखने को मिल सकती है। PK के इस पलटवार ने निश्चित ही भाजपा को बैकफुट पर ला दिया है, वहीं दिलीप जायसवाल की प्रतिक्रिया का इंतजार अब सबको रहेगा।
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