नमस्कार मैं अभय मिश्रा शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक भागलपुर जिला इकाई का अध्यक्ष आप सबों को मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं जैसा कि आप जानते हैं कि वर्तमान में हम शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की स्थिति मजदूरों से भी बदतर है हम लोगों का वेतनमान मात्र 8000 है जो किसी भी स्थिति में सही नहीं है कहा जाए तो 8000 में घर परिवार चलाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है
ऐसे में यदि हम सोचे तो हमसे बेहतर हमारे मजदूर भाई हैं कम से कम उनको दिहारी मजदूरी तो मिलता है हम लोगों की स्थिति तो यह है कि लगातार 8 महीने काम करने के बाद भी अपने मजदूरी के लिए शिक्षा विभाग के चक्कर काटने होते है उस पर भी संतुष्टि नही होती फिर अगले ही महीने हमारा बेतन गुल्ल हो जाता और हम 8000 वाले पढ़े लिखे stet पास मजदूर अपने ही मजदूरी के लिए इंतजार करते नज़र आते है कुल मिलाकर कहा जाए तो हम वह मजदूर हैं जिसको ना तो समय पर मजदूरी मिलती है और ना ही इज्जत
हम जहां काम करते हैं वहां अपने आप को छोटा महसूस करते हैं लोग हमें छोटा महसूस करवाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ते कहा जाए तो हम वह सभी काम करते हैं जो पुराने वेतनमान वाले कर रहे हैं लेकिन हमें मिलता कितना है मात्र 8000, बात 8000 की नहीं है बात है हमारे सम्मान की हमारे काम करने की शैली की और हमारे उस पढ़ाई की जिसमें हमारे मां पिताजी ने अपनी उम्र भर की पूंजी लगाई उनको विश्वास था कि उनका बेटा या बेटी भविष्य में उनकी सेवा करेंगे लेकिन जरा आप ही बताइए कि हम 8000 के वेतन में उनकी क्या देखभाल करेंगे 8000 के वेतन में उन्हें खिलाएंगे या उनके लिए दवाई लाएंगे या फिर उनकी अन्य जरूरतों को पूरा करेंगे
8000 में तो खुद की जरूरत पूरी नहीं होगी तो फिर मां-बाप के सपनों को कैसे साकार करेंगे अब तो ऐसा लगने लगा है कि काश हम भी बिना पढ़े लिखे होते हैं तो कम से कम आज मजदूरी कर रहे होते और इस बात का अफसोस नहीं होता की हम एक पढ़े-लिखे एस्टेट पास मजदूर हैं जय हिंद मेरे stet पास मजदूर साथियों हमारा संघर्ष जारी रहेगा हम जल्द ही अपने सम्मान की रक्षा के लिए एक बड़ी लड़ाई लड़ेंगे एक बार फिर से आप सभी को मजदूर दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं