फूलवारी शरीफ (पटना), संवाद सूत्र। तनाव के कारण व्‍यक्ति जीवन का जंग भी हार जाता है। ऐसा ही हुआ राजधानी पटना में। सचिवालय हाल्ट के पास रविवार सुबह बाप-बेटे सैर कर रहे थे। तेज गति से एक ट्रेन आ रही थी। बेटे ने अचानक ट्रेन के सामने छलांग लगा दी। ट्रेन गुजरने के बाद बेटे का क्षत-विक्षत शव देखकर पिता को जैसे काठ मार गया। वे बदहवास हो गए। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस वहां पहुंची और शव को पोस्‍टमार्टम के लिए भेज दिया। मृतक युवक अरवल जिले का टुनटुन कुमार था।  

पंकज कुमार ने बताया कि वे मूल रूप से हरना चोराम अरवल के रहने वाले हैं। उनका बेटा टुनटुन कुमार श्रीराम पथ सरिस्ताबाद में रह कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता था। कहीं-कहीं वह परीक्षा पास भी कर गया लेकिन उसे नौकरी नहीं लग रही थी। इस कारण वह काफी तनाव में रहता था। बेटे की हालत देखकर उसकी हौसला आफजायी के लिए पिता भी साथ रहने लगे। उसे डिप्रेशन से निकालने के लिए सकारात्‍मक बातें करते थे। हर दिन सुबह उसे लेकर सैर के लिए निकलते थे ताकि बेटे का मन-मिजाज बदले। रविवार की सुबह बाप-बेटे सचिवालय हाल्ट के पास सैर कर रहे थे। इसी दौरान मालगाड़ी आई तो बेटा अचानक ट्रेन के सामने कूद गया। एक झटके में ही टुनटुन का शव टुकड़े टुकड़े हो गया। बेटे का शव देखकर पंकज कुमार सन्‍न रह गए। रो-रोकर कह रहे थे कि उनकी तपस्‍या सफल नहीं हुई।  

मनोचिकित्‍सकों कहना है कि परीक्षा में सफल नहीं होने का मतलब सबकुछ खत्‍म हो जाना नहीं है। पाजिटिव एप्रोच बनाए रखें। सकारात्‍मक रहें। अच्‍छे संगीत सुनें। व्‍यायाम करें। लेकिन निराशा भरे माहौल से बाहर निकलने का प्रयास करें। यदि समस्‍या ज्‍यादा गंभीर हो ताे चिकित्‍सक से परामर्श लें। लेकिन इस तरह का कदम कहीं से उचित नहीं। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *