बिहार में लागू शराबबंदी कानून के तहत सिर्फ आम लोग ही कानून के शिकंजे में नहीं फंस रहे बल्कि वीआइपी कहे जाने वाले लोग भी पकड़े जा रहे हैं. पिछले 11 माह में सरकारी कर्मी व जन प्रतिनिधि सहित समाज में सम्मानित पेशा वर्ग से आने वाले डॉक्टर, अधिवक्ता सहित 456 लोगों को भी पुलिस और मद्य निषेध विभाग द्वारा पकड़ा गया है.

मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आयुक्त बी कार्तिकेय धनजी ने प्रेस कांफ्रेंस में कर बताया कि शराबबंदी अभियान के दौरान राज्य में दिसंबर 2021 से लेकर 12 नवंबर तक 67 सरकारी कर्मी, 49 जन प्रतिनिधि, 21 डॉक्टर व 10 अधिवक्ताओं को पकड़ा गया है. इनमें अधिकांश गिरफ्तारी उत्पाद विभाग ने की है.

मद्य निषेध विभाग कर रहा हर दिन औसतन 751 गिरफ्तारी

आयुक्त ने कहा कि जनवरी 2022 में 40 के मुकाबले मद्य निषेध विभाग ने नवंबर 2022 में हर दिन औसतन 751 लोगों की गिरफ्तारी कर रहा है. पुलिस विभाग को मिला दें तो प्रति दिन 1400 से अधिक लोग पकड़े जा रहे हैं. रिपीट ओफ्फेंडर्स यानि दोबारा शराब पीकर पकड़े जाने वालों की संख्या राज्य में 751 हो गयी है. इनमें करीब 100 को एक साल की जेल भी मिली है.

अवैध शराब के खिलाफ कुल 1.22 लाख छापेमारी

आयुक्त ने बताया कि नवंबर महीने में 12 तारीख तक अवैध शराब के खिलाफ कुल 1.22 लाख छापेमारी की गयी है. जिसमें 18518 अभियोग दर्ज किये गये. इस दौरान 38 हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार करते हुए करीब 3.21 लाख बल्क लीटर शराब जब्त की गयी. शराब से जुड़े मामलों में 1535 वाहनों को भी जब्त किया गया.

शराब पीने वाले वीआइपी

  • 67 सरकारी कर्मी
  • 49 जन प्रतिनिधि
  • 21 डॉक्टर
  • 10 अधिवक्ता

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