कहलगांव, भागलपुर | मंगलवार को कहलगांव से घोघा व अनादीपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 80 (एनएच-80) पर करीब पांच घंटे तक भीषण जाम लगा रहा। जाम सुबह 11 बजे के आसपास शुरू हुआ और दोपहर के बाद चार बजे के करीब जाकर धीरे-धीरे गाड़ियां सरकनी शुरू हुईं। इस दौरान सैकड़ों वाहन फंसे रहे और यात्रियों को कड़ी धूप तथा उमस भरी गर्मी में भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सबसे ज्यादा दिक्कत स्कूली बच्चों और उनके अभिभावकों को हुई। जाम में दर्जनों स्कूली वाहन घंटों फंसे रहे। नतीजतन, बच्चों को घर पहुंचने में दो से तीन घंटे की देरी हुई। गर्मी और भीड़ में छोटे बच्चों की हालत खराब हो गई। अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को बिना पानी और खाने के लंबे समय तक वाहन में बैठा रहना पड़ा।
इतना ही नहीं, कई बारात की गाड़ियां भी जाम में फंसी रहीं। विवाह समारोह में शामिल होने जा रहे लोग परेशान दिखे। भागलपुर के सिटी एसपी को भी अपनी यात्रा के दौरान जाम के कारण रास्ता बदलना पड़ा और उन्हें पीरपैंती की ओर डायवर्ट होकर जाना पड़ा।
जाम की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि स्थानीय पुलिसकर्मियों को पैदल ही चार किलोमीटर की दूरी तय कर कोआपुल के पास पहुंचना पड़ा। वहां उन्होंने खुद गाड़ियों को पीछे-आगे करवा कर किसी तरह रास्ता खाली कराया, तब जाकर स्थिति कुछ सामान्य हुई।
छोटे वाहन चालकों और पैदल यात्रियों की हालत सबसे ज्यादा खराब रही। घंटों जाम में फंसे रहने के कारण लोग छांव की तलाश में इधर-उधर भटकते रहे। उमस भरी गर्मी और लू के थपेड़े ने लोगों की परेशानी को और बढ़ा दिया। कई बुजुर्ग और बच्चे गर्मी से बेहाल हो गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नहर पुल के पास यह जाम रोजमर्रा की समस्या बन चुका है। सड़क निर्माण में लगी निजी कंपनी ने पुल को काटकर अधूरा छोड़ दिया है। इसके कारण सड़क की चौड़ाई कम हो गई है और गाड़ियों की आवाजाही बाधित हो रही है। मंगलवार को स्थिति यह हो गई कि पुल पर तीन लेनों में गाड़ियां एक साथ फंस गईं, जिससे पूरे मार्ग पर जाम की स्थिति बन गई।
अब जबकि गर्मियों की छुट्टियां समाप्त हो चुकी हैं और स्कूल फिर से खुल चुके हैं, इस तरह की ट्रैफिक व्यवस्था बच्चों के लिए एक बड़ी परेशानी बन गई है। रोजाना उन्हें स्कूल पहुंचने और लौटने में देरी हो रही है। कई बार स्कूल वाहन चालक भी अनिश्चितता की स्थिति में होते हैं कि वे किस रास्ते से बच्चों को सुरक्षित और समय पर ले जा सकें।
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से जल्द से जल्द सड़क और पुल निर्माण कार्य को पूरा करने की मांग की है। साथ ही जाम से निपटने के लिए स्थायी ट्रैफिक प्रबंधन की व्यवस्था लागू करने की जरूरत पर भी बल दिया गया है।
यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल यातायात व्यवस्था के लिए खतरा साबित होगा, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा पर भी गंभीर असर डालेगा। आम लोगों की मांग है कि एनएच-80 पर हर दिन लगने वाले जाम से निजात दिलाने के लिए सरकार और प्रशासन तत्काल ठोस कदम उठाएं।
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