पटना के फुलवारी शरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) दफ्तर पर पुलिस छापे से आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के खुलासे के सिलसिले में मीडिया से बात करते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने पीएफआई की ट्रेनिंग की तुलना आरएसएस की शाखा से कर दी. जिस पर राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया है. पटना SSP के बयान पर पुलिस मुख्यालय ने सख्त रुख अपनाया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से एसएसपी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को पूरे मामले पर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. RSS और PFI पर दिए गए बयान पर ADG पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने पटना SSP मानवजीत सिंह ढिल्लों को कारण बताओ नोटिस दिया है. नोटिस के माध्यम से ADG जितेंद्र सिंह गंगवार ने SSP पूछा है कि आखिर ऐसा बयान उन्होंने क्यों दिया. उन्हें 48 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा गया है।
फुलवारी शरीफ में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) दफ्तर पर पुलिस छापे से आतंकी ट्रेनिंग सेंटर के खुलासे के सिलसिले में मीडिया से बात करते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि इसका जो मोडस था कि ये लोग, जैसे शाखा होती है, आरएसएस अपनी शाखा ऑर्गेनाइज करते हैं, और लाठी की ट्रेनिंग देते हैं. उसी तरह से ये लोग शारीरिक शिक्षा के नाम पर युवाओं को प्रशिक्षण दे रहे थे. उसी के साथ अपना एजेंडा और प्रोपेगेंडा के जरिए युवकों का ब्रेनवाश कर रहे थे।
बीजेपी ने एसएसपी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए एसएसपी से माफी की मांग की है और पद से हटाने की बात कही है. बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि एसएसपी का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों को खालिस्तानी तक कह दिया. हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लों का मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है जो देशप्रेम सिखाता है. एक राष्ट्रवादी संगठन की तुलना उन्होंने आतंकवादी संगठन से की है. ऐसे अधिकारी को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम ने पटना के फुलवारी शरीफ इलाके में सीनियर एसपी की अगुआई में छापा मारा है. पेट्रोल लाइन इलाके से एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया गया है. इससे पहले बुधवार को IB के अलर्ट के बाद छापा मार कर आतंकी गतिविधियों में संलिप्त होने के आरोप में 2 संदिग्धों को पकड़ा गया था. जिसकी पहचान मोहम्मद जलालुद्दीन और अतहर परवेज के तौर पर की गई है. इनका संबंध पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से बताया जा रहा है. पुलिस ने इन लोगों के पास से पीएफआई और एसडीपीआई के पंपलेट, बुकलेट और गुप्त दस्तावेज जिसमें वर्ष 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए मुहिम चलाने से संबंधित दस्तावेज मिशन-2047 बरामद किया है।