बिहार पुलिस की हनक भले ही अपराधियों पर न हो लेकिन थाने में फरियाद के लिए पहुंचे फरियादियों पर पूरा रौब झाड़ती हैं. ये वही खाकी है जिसे सूबे में ‘फ्रेंडली पुलिस’ बताया जाता है. सोशल मीडिया पर दो महिला फरियादियों के साथ बदसलूकी का वीडियो वायरल हुआ तो पटना पुलिस के चेहरे से पुलिस फ्रेंडली होने का नकाब उतर गया. इस मामले में पटना एसएसपी ने जांच के आदेश दिए हैं.
दरअसल, सचिवालय के राजस्व विभाग में असिस्टेंट पद पर पोस्टेड एक महिला जब ऑफिस से छूटीं तो रास्ते में उनका फोन बाइक सवारों ने छीन लिया. घटना के वक्त पीड़ित महिला विधानसभा के नजदीक खड़े होकर अपने मोबाइल से बात कर रहीं थीं. पॉश इलाके में मोबाइल छीने जाने की शिकायत दर्ज कराने जब वो सचिवालय थाने पहुंचीं तो थानाध्यक्ष चंद्रशेखर प्रसाद गुप्ता (SHO Chandrashekhar Prasad Gupta) महिला पर ही भड़क गए. उन्हें इस बात का भी ख्याल नहीं रहा कि महिलाओं के साथ किस तरह से पेश आना चाहिए था.
में शिकायत दर्ज कराने के बाद जब राजस्व असिस्टेंट ने थाने के कर्मियों से रिसिविंग देने की मांग की, तो यह बात यहां के थानाध्यक्ष को नागवार गुजरी. उन्होंने महिला से बदसलूकी शुरू कर दी. जब महिला ने इसकी शिकायत ऊपर के अधिकारियों से करने की बात कही तो थानाध्यक्ष ने महिला को थाने से निकल जाने के लिए कहा. साथ ही थानाध्यक्ष ने यह कहा कि वो अपने बाप को भी बुला लें, तो भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
जब हमने आवेदन स्वीकार करने की बातें कहीं और इसकी रिसीविंग मांगी, तो आवेदन को स्वीकार करने के बजाए अपने कक्ष से निकले सचिवालय थानाध्यक्ष ने हमारे साथ अभद्र व्यवहार किया. इतना ही नहीं थानाध्यक्ष ने हमें जेल में बंद करने की बात कही. इस दौरान मौके पर सचिवालय की एएसपी काम्या मिश्रा भी मौजूद थीं, उन्होंने हम दोनों को थाना के वेटिंग रुम में बैठने के लिए कहा’- प्रीति कुमारी, सचिवालय असिस्टेंट
राजधानी पटना में महिला से बदतमीजी करने वाला थानेदार चंद्रशेखर प्रसाद गुप्ता का वीडियो सामने आने के बाद अब खुद पीड़ित महिलाओं ने भी ईटीवी भारत के सामने आकर पूरी कहानी सुनाई है. पीड़ित महिला प्रीति कुमारी (Secretariat Assistant Preeti Kumari) जो कि सचिवालय के राजस्व विभाग में असिस्टेंट के पद पर पोस्टेड हैं, ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि उनका यह अपमान है. ये महिला सशक्तिकरण के नाम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा चलाए जा रही कई योजनाओं का अपमान है.
वहीं पूरी घटना की जानकारी देते हुए प्रीति ने बताया कि वो एक महिला मित्र के साथ सोमवार को शाम ऑफिस से छुट्टी होने के बाद अपने घर जाने के लिए सचिवालय थाने से महज चंद कदम की दूरी पर ऑटो के इंतजार में खड़ी थीं. इस दौरान एक बाइक पर बैठे दो युवकों ने उनका मोबाइल छीन लिया. इसकी शिकायत कराने प्रीति महिला मित्र के साथ सचिवालय पहुंची. इस घटना का आवेदन देने जब वो सचिवालय थाने पहुंची तो वहां मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उन्हें आवेदन लेकर कल आने के लिए कहा.
इस पूरी घटना से आहत प्रीति की महिला मित्र कंचन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रहे हैं और दूसरी ओर पटना के कुछ थानेदार महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने से बाज नहीं आते. दोनों पीड़ित महिलाओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाते हुए जल्द से जल्द इस मामले में दोषी थानाध्यक्ष पर कार्रवाई करने की मांग की है. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए प्रीति और कंचन ने बताया है कि वह इस मामले को लेकर मानवाधिकार और महिला आयोग में भी मामला दर्ज करवाएंगी.
सचिवालय थानेदार द्वार महिला सचिवालय कर्मी से किए गए दुर्व्यवहार मामले पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए पटना एसएसपी ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश एएसपी सचिवालय काम्या मिश्रा को दी है. एसएसपी ने साफ तौर पर कहा कि अगर जांच में सचिवालय थानेदार दोषी पाए जाते हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी.