राजधानी पटना में 1 अप्रैल से डीजल से चलने वाले बस और ऑटो नहीं चलेंगे। करीब 250 डीजल बस और 12 हजार से ज्यादा डीजल से चलने वाले ऑटो शहरी क्षेत्र से बाहर कर दिए जाएंगे। पटना में लगातार बढ़ रहे वायु  प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला लिया गया है। प्रशासन ने इसको लेकर फरमान जारी कर दिया है।

जानकारी के मुताबिक 2019 में पटना का वायु प्रदूषण पूरे देश में सबसे अधिक हो गया था। जिसके बाद सरकार ने डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंद लगाने का फैसला लिया था। बस और ऑटो संचालकों को 31 मार्च 2022 तक का समय दिया गया था ताकि वाहन मालिक अपने वाहनों को डीजल से सीएनजी में कन्वर्ट करा सकें।

सरकार द्वारा अनुदान दिए जाने के बावजूद फिलहाल पटना शहर में सैकड़ों डीजल गाड़ियां चल रहा हैं। परिवहन विभाग इस बार समय सीमा बढ़ाने के मूड में नहीं है। लिहाजा इस तरह की सभी गाड़ियां 1 अप्रैल से शहर के बाहर हो जाएंगी।

बता दें कि शहरी क्षेत्र में सिर्फ सीएनजी बसों को चलाने के लिए परिवहन निगम ने प्रक्रिया तेज कर दी है। आने वाले दिनों में 70 और सीएनजी बसों को चलाने की योजना है। जिससे गांधी मैदान से हाजीपुर, राजगीर, बिहटा, नालंदा, गया सहित शहर के विभिन्न रूटों पर CNG बसों की संख्या बढ़ जाएगी।

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