सहरसा जिला के उद्योग विभाग में बुधवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, कार्यक्रम में योजनाओं को लेकर किस तरह क्रियान्वित किया जा सकता है । इस पर विचार बिमस किया गया ।

जिसमें महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र अमरनाथ दुबे द्वारा बताया गया कि रैंप एक केंद्र प्रायोजित योजना है ,इसके लिए एसआईपी तैयार करने के दौरान निबंधित एमएसएमपी का डायग्नोस्टिक अभ्यास किया जाना है ‘ जिसके लिए स्टेटहोल्डर कंसल्टेंशन की बैठक आयोजित की गई है ।

एमएसएमई कारोबारियों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा कई तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र का देश के विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। लघु उद्योग क्षेत्र के योगदान को देखते हुए सरकारी बैंक के साथ ही साथ प्राइवेट क्षेत्र की नॉन बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियां (एनबीएफसी) भी कम ब्याज दर बिजनेस लोन प्रदान कर रही हैं।

बैठक में लैंड स्पेस, एनर्जी, कनेक्टिविटी, लोन क्रेडिट फाइनेंस, मैन पावर, मार्केट एक्सेस, टेक्नोलॉजिकल इंटरवेंशन और डिजिटलाइजेशन आदि से संबंधित एजेंडा पर उद्यमियों/ प्रतिभागियों द्वारा बताए गए समस्याओं पर संबंधित विभाग के पदाधिकारियों / प्रतिनिधियों द्वारा युक्तिसंगत सुझाव प्राप्त किए गए, दिए गए सुझावों पर विचार कर विभाग को सुचना दी जाएगी।

कार्यशाला में DDM NABARD, अग्रणी बैंक प्रबंधक (भारतीय स्टेट बैंक, सहरसा), जिला परियोजना प्रबंधक (जीविका सहरसा), जिला पशुपालन पदाधिकारी, श्री अशोक कुमार दास, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, श्री नितेश कुमार, उद्योग विस्तार पदाधिकारी, जिला व्यापार संघ के अध्यक्ष श्री अर्जुन चौधरी, सचिव श्री कुणाल गौरव, विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक, विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के प्रोपराईटर / निदेशक / प्रबंध निदेशक एवं जिला उद्योग केन्द्र के कर्मीगण उपस्थित थे।

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By Indradev Kumar

Patrakar

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