सहरसा में बिहार पुलिस का ऑपरेशन मुस्कान न केवल गुमशुदा और छीने गए कीमती सामानों की बरामदगी कर रहा है, बल्कि आम जनता के बीच पुलिस और प्रशासन के प्रति विश्वास को भी लगातार मजबूत कर रहा है। इसी क्रम में रविवार को सहरसा पुलिस केंद्र में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहां कोशी प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मनोज कुमार एवं सहरसा के पुलिस अधीक्षक हिमांशु ने संयुक्त रूप से मोबाइल फोन उनके वास्तविक मालिकों को सौंपे।

 

इस कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन मुस्कान के छठे फेज में कुल 43 लोगों को उनके गुम या छीने गए मोबाइल फोन वापस किए गए। पुलिस के अनुसार, लौटाए गए इन मोबाइलों की कुल अनुमानित कीमत करीब 6 लाख 46 हजार 388 रुपये है। अपने खोए मोबाइल वापस पाकर लाभार्थियों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी। कई लोगों ने मंच से और परिसर में “थैंक्यू सहरसा पुलिस” कहकर पुलिस टीम का आभार व्यक्त किया।

 

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन मुस्कान के तहत तकनीकी अनुसंधान, सीईआईआर पोर्टल और साइबर टीम की मदद से मोबाइल फोन की ट्रेसिंग की जाती है। इसी प्रभावी कार्यप्रणाली के चलते अब तक अभियान के छठे फेज तक कुल 245 मोबाइल फोन उनके वास्तविक धारकों को लौटाए जा चुके हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 35 लाख 42 हजार 397 रुपये बताई गई है।

 

खास बात यह रही कि जिन लोगों ने मोबाइल खोने के बाद उम्मीद छोड़ दी थी, उन्हें एसपी कार्यालय की गोपनीय शाखा से फोन कर मोबाइल लेने के लिए बुलाया गया। अचानक पुलिस से कॉल आने पर लोग हैरान भी हुए और खुशी से भावुक भी नजर आए।

 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीआईजी मनोज कुमार और एसपी हिमांशु ने कहा कि आम नागरिकों की छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान करना पुलिस की प्राथमिकता है। ऑपरेशन मुस्कान इसी सोच का परिणाम है, जिसका उद्देश्य पीड़ितों को राहत पहुंचाना और पुलिस के प्रति सकारात्मक छवि बनाना है।

 

निश्चित रूप से सहरसा पुलिस का यह अभियान न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत कर रहा है, बल्कि आम जनता के चेहरों पर खोई हुई मुस्कान लौटाकर भरोसे की नई मिसाल भी पेश कर रहा है।

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